Chandrababu Naidu: कहते है न, समय बड़ा बलवान होता है. एक दिन था जब आंध्र प्रदेश ( Andhra Pradesh ) की सत्ता सीएम जगन मोहन रेड्डी के हाथ में थी, उस समय विपक्ष के नेता चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) थे. एक दिन आज है, जब चंद्रबाबू नायडू सीएम हैं, और जगन मोहन रेड्डी विपक्ष की भूमिका में हैं. 


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यह संयोग कहे या समय की ताकत, 2021 में चंद्रबाबू नायडू और उनकी पार्टी सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस पर बदले की भावना से सरकार चलाने का आरोप लगा रही थी. आज यानी 2024 में जगन के घर पर, ऑफिस पर जब नायडू की सरकार ने बुलडोजर चलवाया तो  जगन मोहन रेड्डी नायडू पर बदले की भावना से सरकार चलाने का आरोप लगा रहे हैं. ये वही जगन हैं, जिनके राज में नायडू रो दिए थे, आइए जानते हैं वह किस्सा और देखते हैं वह रोने वाला वीडियो:- 


जब नायडू रोने लगे
बात 19 नवंबर 2021 की है. चंद्रबाबू नायडू अपनी पार्टी के राज्य मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे, तभी 71 साल के नायडू फूट-फूट कर रोने पड़े थे. वो लगातार अपने चेहरे को हाथों से ढंक कर रो रहे थे. 


चंद्रबाबू नायडू के रोने का वीडियो आप भी देखें:- 



क्यों रोने लगे थे नायडू 
वाईएसआरसीपी सदस्य अंबाती रामबाबू ने विधानसभा में कथित तौर पर नायडू की पत्नी का जिक्र करते हुए कुछ भद्दी टिप्पणियां कीं थी. जिससे नायडू बहुत आहत हुए थे. 


पत्नी पर अपमानजनक टिप्पणी, खा ली थी कसम
आंध्र प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महिला सशक्तिकरण पर बहस के दौरान विधानसभा में चंद्र बाबू नायडू और उनकी पत्नी के खिलाफ वाईएसआरसीपी सदस्यों की ओर से की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी. 


मैं अब सीएम बनकर ही विधानसभा में आऊंगा, वरना...
यही नहीं उन्होंने उस समय घोषणा की थी कि वह सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों की ओर से उन्हें अपमानित किए जाने के विरोध में वर्तमान कार्यकाल के शेष समय में विधानसभा में प्रवेश नहीं करेंगे. उन्होंने कहा था, ‘मैं इसके बाद इस सभा में शामिल नहीं होउंगा. मैं फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सदन में लौटूंगा.”


विधानसभा में रोए, फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में


विधानसभा से बाहर निकलने से पहले नायडू काफी भावुक दिखे. उनके आंखों में आंसू थे. उन्होंने हाथ जोड़ रखा था. इसके बाद मंगलागिरी में टीडीपी के राज्य मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, 71 वर्षीय नायडू फूट-फूट कर रो पड़े. वो लगातार अपने चेहरे को हाथों से ढंक कर रो रहे थे.


राजनीति से दूर थी मेरी पत्नी फिर उनका अपमान
नायडू ने कहा था, मेरी पत्नी कभी राजनीति में नहीं रहीं.  चाहे मैं सत्ता में रहूं या बाहर, मेरे जीवन के हर कदम पर मुझे प्रोत्साहित करने के अलावा, उन्होंने कभी भी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया. फिर भी, उन्होंने मेरी पत्नी को अपमानित करने की कोशिश की. टीडीपी चीफ ने कहा, 40 साल के राजनीतिक जीवन में कभी इतना कष्ट महसूस नहीं किया. ‘मैंने अपने जीवन में कई संघर्षों, उतार-चढ़ावों का सामना किया. मैंने विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में कई गरमागरम बहसें देखीं. लेकिन विपक्ष को इस तरह से कुचलना अभूतपूर्व है.’


कौरव सभा से की थी तुलना
नायडू ने उस समय की विधानसभा तुलना महाकाव्य महाभारत की कौरव सभा से की थी, जहां शक्तिशाली कौरवों ने पांडवों की पत्नी द्रौपदी को सबके सामने उतारने की कोशिश करके उनका अपमान किया. नायडू ने कहा था, ‘मैं अपनी लड़ाई लोगों तक ले जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा. मैं मुख्यमंत्री के रूप में लोगों का जनादेश प्राप्त करने के बाद ही विधानसभा में लौटूंगा.’


2024 में सत्ता में नायडू ने की वापसी, जगन का तोड़ा ऑफिस
2024 में आंध्र प्रदेश की सत्ता बदल चुकी है. पूर्व मुख्मंत्री जगन मोहन रेड्डी अब सत्ता से बेदखल हो चुके हैं. और कभी विपक्ष में बैठे तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू सत्ता में आ चुके हैं. आंध्र प्रदेश में सत्ता तो बदली लेकिन प्रतिशोध की राजनीति जारी है. युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) का कार्यालय शनिवार सुबह विजयवाड़ा के ताडेपल्ले जिले में ध्वस्त कर दिया गया. ऑफिस को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का सहारा लिया गया. YSRCP ने इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है.


नायडू सरकार का विरोध
जगन मोहन रेड्डी ने टीडीपी के नेतृत्व वाली नई सरकार की कार्रवाई की निंदा की है. उन्होंने 'एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू बदले की भावना से काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए दफ्तर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया. रेड्डी ने कहा कि नायडू यह संदेश दे रहे हैं कि उनका शासन अगले पांच साल कैसा रहने वाला है. इसलिए कहते हैं कि समय एक जैसा नहीं रहता, कल नायडू जगन सरकार पर आरोप लगा रहे थे, आज जगन नायडू की सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगा रहे हैं.