हैदराबाद: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) विजयवाड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भावुक हो गए और फूट-फूट कर रोने लगे. उन्होंने कहा कि अपने ऊपर हुए निजी हमलों से वह बहुत ही आहत हैं. साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि सत्ता में लौटने तक वह आंध्र प्रदेश विधान सभा सदन में कदम नहीं रखेंगे.


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निजी हमलों से आहत पूर्व CM


पूर्व सीएम नायडू ने आज सुबह विधान सभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया था और उनका आरोप है कि सदन की कार्यवाही के दौरान उनपर निजी हमले हुए. साथ ही उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी YSRCP के विधायकों ने उनके परिवार और पत्नी के खिलाफ भी बयानबाजी की. इसका जिक्र करते हुए नायडू प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान काफी भावुक हो गए. 


भावुक हुए नेता विपक्ष ने सदन में कहा कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों की ओर से उनके खिलाफ लगातार इस्तेमाल किए जा रहे अपशब्दों से वह आहत हैं. नायडू ने कहा, 'पिछले ढाई साल से मैं अपमान सह रहा हूं लेकिन शांत रहा. आज उन्होंने मेरी पत्नी को भी निशाना बनाया है, मैं हमेशा सम्मान के लिए और सम्मान के साथ रहा, मैं इसे और नहीं सह सकता.'



निजी हमलों से आहत चंद्रबाबू नायडू विधान सभा की कार्यवाही बीच में छोड़कर बाहर आ गए थे और सीधे पार्टी मुख्यालय पहुंचे. यहां जब प्रेस को संबोधित करते हुए उनसे सवाल पूछे गए तो वह अपनी भावनाएं काबू नहीं कर पाए और फूट-फूट कर रोने लगे. इससे पहले सदन में विधान सभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम ने जब उनका माइक संपर्क काट दिया, तब भी नायडू ने बोलना जारी रखा. सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने नायडू की टिप्पणी को नाटक करार दिया.


पत्नी पर बयानबाजी से दुखी


प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं रही. चालीस साल का मेरा सियासी करियर हो या फिर उनके पिता NTR जब मुख्यमंत्री रहे और मैं भी सीएम रहा, लेकिन मेरी पत्नी ने कभी भी राजनीति में रुचि नहीं ली. शायद ही कभी ऐसा हुआ होगा जब प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्हें मेरे साथ मौजूद रहना पड़ा होगा. उन्होंने पूरा जीवन मेरे आगे बढ़ने के लिए खपा दिया लेकिन आज उनका चरित्र हनन किया गया.


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पूर्व सीएम ने कहा कि मैंने पूरे सियासी करियर में इस तरह की बयानबाजी का सामना नहीं किया. उन्होंने कहा कि काफी संघर्ष किए और जीवन में काफी उतार-चढ़ाव भी देखे लेकिन विपक्ष की ओर से सदन में ऐसे बयान किसी भी रूप में मर्यादा के खिलाफ है. नायडू ने कहा कि हम सरकार में भी बैठ चुके हैं और अब विपक्ष में हैं, लेकिन कभी भी हमारे नेताओं ने ऐसा बर्ताव नहीं किया.