Aniruddhacharya Maharaj controversial statement: प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज को कौन नहीं जानता. कथा कहने के अपने खास अंदाज की वजह से वे सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय हैं. अपनी कथाओं में वे कई बार विवादित और भ्रामक दावे भी कर जाते हैं, जिनकी बाद में आलोचना होती है. आज अनिरुद्धाचार्य महाराज ज़ी न्यूज के प्रांगण में थे, जहां पर उनके कहे कई विवादित मुद्दों पर सवाल पूछे गए.


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सवाल: क्या गाय के गोबर से इंसान की सुंदरता बढ़ती है? 


अनिरुद्धाचार्य महाराज: हां यह बिल्कुल सही बात है. गाय के गोबर से इंसान की सुंदरता बढ़ती है बशर्ते वह शुद्ध देसी गाय हो. आज ऐसी कितनी गायें उपलब्ध हैं, इसके बारे में कहा नहीं जा सकता. आज के यूथ को इसके बारे में जानकारी नहीं 


सवाल: गाय के गोबर से निकले गेहूं की रोटी खाने से गर्भधारण करने और बेटा पैदा करने में मदद मिलती है. 


अनिरुद्धाचार्य महाराज: हमने शास्त्रों में इस बारे में पढ़ा है. हमारे शास्त्रों में गायों को पूरे ब्रह्मांड का केंद्र बताया गया है. कहते हैं कि शुद्ध देसी गाय में अलौकिक शक्तियां होती हैं. ऐसे में उसके गोबर से निकले गेहूं के बीज का आटा खाने से फायदा होता है. 


सृजनपाल, वैज्ञानिक: इस तरह के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इस तरह के दावों से सबसे बड़ा नुकसान ये है कि निसंतान दंपति अपनी जांच कराने के बजाय इस तरह के टोटके करने शुरू कर देंगे, जिससे उन्हें फायदे के बजाय नुकसान ही होगा. 


सवाल: लड़कियों की मॉडर्न ड्रेस के विरोधी हैं महाराज? 


अनिरुद्धाचार्य महाराज: लड़कियों की मॉडर्न ड्रेस के विरोधी नहीं है. हमारा तो ये कहना है कि जो कुछ भी कहें, वह देखने में सभ्य हो. जिससे खुद का सम्मान बढ़े. हम तो मां- बाप की तरह सिर्फ समझाते हैं, उसे मानना या न मानना लोगों की मर्जी है. 


सवाल: बिस्किट में विष कूट- कूटकर भरा होता है?


अनिरुद्धाचार्य महाराज: इसमें गलत क्या कहा है. बिस्किट में मैदा और चीनी के अलावा क्या होता है. उसे खाने से शरीर को नुकसान के अलावा क्या मिलता है.


सृजनपाल, वैज्ञानिक: यह दावा पूरी तरह सही तो नहीं है लेकिन काफी हद तक दुरुस्त है. बिस्किट में मैदा और चीनी से नुकसान होता है, इस नाते स्वामी लोगों में जागरूकता तो बढ़ा ही रहे हैं.


सवाल: आजकल शादी के बाद तुरंत भोग की तरफ बढ़ जाते हैं?


अनिरुद्धाचार्य महाराज: हम यह नहीं कह रहे कि हनीमून पर मत जाओ. लेकिन पहले अपनी परंपरा तो निभा लो. देवी-देवताओं की पूजा कर लो. इसके बाद सुख भोगने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है. 


सवाल: क्या स्वामी लड़कियों की नौकरी के खिलाफ हैं?


अनिरुद्धाचार्य महाराज: हमारे कहने का आशय ये नहीं था कि लड़कियां नौकरी न करें या अपने पैरों पर खड़ी न हों बल्कि उसका मतलब ये था कि लड़कियां अपने जीवनसाथी और ससुराल वालों को सम्मान दें. नौकरी करने का आशय ये कहीं नहीं होता कि लड़कियां अपने ससुराल वालों को ताने दे. 


कौन हैं अनिरुद्धाचार्य महाराज? 


अनिरुद्धाचार्य महाराज मूल रूप से मध्य प्रदेश के दमोह जिले के रींवझा गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता अवधेशानंद गिरि एक प्रसिद्ध भागवताचार्य थे. उनके साथ रहते- रहते अनिरुद्धाचार्य ने भी शास्त्रार्थ की शिक्षा हासिल की. इसके बाद वे खुद आध्यात्म और कथा वाचन के क्षेत्र में आगे बढ़ गए. वे सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चित हैं. फेसबुक पर उनके 2.9 मिलियन और इंस्टाग्राम पर 512K फॉलोअर्स हैं. यूट्यूब पर उनके तीन चैनल हैं, जिनसे 16 मिलियन लोग जुड़े हुए हैं.