दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. हाल ही में उनके 3 विधायक और कई पार्षद बीजेपी में शामिल हुए हैं. इन सबके बीच अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी की जनाधार दार्जिलिंग में भी दरकने लगा है. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में बंगाल की दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर बीजेपी के राजू सिंह बिष्ट और विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद अब दार्जिलिंग नगरपालिका में भी टीएमसी को बड़ा झटका लग सकता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, दार्जिलिंग नगरपालिका के 32 में से 18 पार्षदों ने नोमान राय के नेतृत्व में 'नो कॉन्फिडेंस मोशन' पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने दार्जिलिंग नगरपालिका में बिनय तमांग गुट और टीएमसी गठबंधन को अल्पमत में कर दिया है. बता दें कि दार्जिलिंग नगरपालिका में तमांग गुट और टीएमसी गठबंधन का कब्जा रहा है. वहीं, बिमल गुरुंग रोशन गिरी और उनके कई साथी बीते डेढ़ वर्षों से दार्जिलिंग से बाहर थे. उन सभी के खिलाफ अपराध के कई गंभीर मामले दर्ज किए गए थे. उन पर 2017 में हिंसा और पुलिस अधिकारी अमित्व मलिक की हत्या का आरोप लगा था.


 



बिमल गुरुंग की अनुपस्थिति में बिनय तमांग और अनीत थापा ने ममता सरकार से हाथ मिला लिया था और गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन बोर्ड के शीर्ष पर पहुंच गए थे. बता दें कि बिनय तमांग और अनीत थापा कबी गुरुंग के खास रहे थे. वहीं, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जीत के बाद गुरुंग की वापसी हो गई है. दरअसल, गुरुंग गुट ने लोकसभा चुनाव में अपने चिर प्रतिद्वंदी जीएनएलएफ से हाथ मिलकर बीजेपी प्रत्याशी राजू सिंह बिष्ट को समर्थन दिया था. बिष्ट ने बिनय तमांग के समर्थन वाले टीएमसी प्रत्याशी अमर सिंह राय को 3 लाख से द्यादा वोटों से हरा दिया था. वहीं, दार्जिलिंग विधानसभा चुनाव के नतीजे भी गुरुंग, बीजेपी और जीएनएलएफ के पक्ष में गए थे. 


इसके बाद बिमल गुरुंग ने मांग की है कि गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन बोर्ड को भंग किया जाए. उन्होंने आरोप लगाया है कि बिनय तमांग और अनीत थापा को असंवैधानिक तरीके से इन पदों का लाभ दिया गया है. इन सबके बीच बुधवार को दार्जिलिंग नगरपालिका के 18 पार्षदों ने अल्पमत के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. बता दें कि दार्जिलिंग नगरपालिका में कुल 32 पार्षद है. इनमें से 31 मोर्चा और एक टीएमसी का है. इसे ममता बनर्जी की एक और बड़ी हार के रूप में देखा जा रहा है. वहीं, इस घटनाक्रम के बाद गुरुंग के प्रवक्ता बीपी बजगैन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. 


वहीं, बिनय तमांग ने इस पर कहा है कि वह नगर निगम में अपना बहुमत साबित कर देंगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सारे हस्ताक्षर नकली हैं. एक पार्षद अस्पताल में है और एक शहर से बाहर है. ऐसे में हस्ताक्षर किसने किए. उन्होंने कहा कि चेयरमैन एक-दो दिन में एसडीओ के सामने आपात बैठक बुलाएंगे और बहुमत साबित हो जाएगा.