मुख्य सचिव को लगी चोटों पर आप नेताओं का बयान- `हो सकता है वो बाथरूम में गिर गए हों?`
संजय सिंह ने कहा कि `उस मीटिंग में सिर्फ राशन के मुद्दे पर बहस हुई थी और बहस होने के बाद मुख्य सचिव मीटिंग से चले गए थे, लेकिन उसके बाद उसे मारपीट की घटना के रूप में दिखाया गया.
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ की गई मारपीट के मामले में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों प्रकाश जरवाल और अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे प्रकरण ने सवाल उठाए हैं. गुरुवार को पार्टी की तरफ से उनके दो बड़े नेता संजय सिंह और आशुतोष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि 'मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट (एमएलसी) को साजिशन आनन-फानन में बनाया गया.' दोनों नेताओं ने सवाल उठाते हुए कहा, 'उन पर न तो कोई हमला हुआ, न ही किसी ने मारपीट की ही नहीं, तो ये एमएलसी कहां से बनीं? हो सकता है वो बाथरूम में गिर गए हों.' पार्टी ने इस पूरे मुद्दे पर एलजी अनिल बैजल पर भी सवाल उठाए.
एलजी भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं- आशुतोष
गुरुवार दोपहर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आप नेता आशुतोष ने कहा कि 'केवल चीफ सेक्रेटरी के बयान पर हमारे विधायकों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि आशीष खेतान और उनके साथियों से मारपीट करने वालों की अभी तक पहचान नहीं की गई और न ही इस मामले में अभी तक किसी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.' उन्होंने कहा, 'एलजी भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. उनका समर्पण संविधान के प्रति नहीं है. उन्हें पद पर बने रहने का हक नहीं.'
देखें, आम आदमी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस...
एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं- AAP
उन्होंने कहा कि 'मुख्य सचिव की एमएलसी में लिखा गया है कि उनके साथ मारपीट की घटना रात 12 बजे के बाद हुई, जबकि सीसीटीवी फुटेज में सीएम हाऊस से उन्हें साढ़े 11 बजे निकलते हुए देखा सकता है.' आप नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि 'एलजी संविधान के हिसाब से काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है. चीफ सेक्रेटरी की गिरफ्तारी होनी चाहिए. आशीष खेतान और उनके साथियों पर हमला करने वालों की पहचान होनी चाहिए.'
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मुख्य सचिव को चोटें कहां से आई, इसकी जांच होनी चाहिए- संजय सिंह
वहीं, संजय सिंह ने कहा कि 'उस मीटिंग में सिर्फ राशन के मुद्दे पर बहस हुई थी और बहस होने के बाद मुख्य सचिव मीटिंग से चले गए थे, लेकिन उसके बाद उसे मारपीट की घटना के रूप में दिखाया गया. आनन फानन में इसे बड़ा अपराध बनाने के लिए एमएलसी कराई गई, जिसमें इस घटना को 12 बजे के बाद की दिखाया गया है, लेकिन यह सच नहीं है.' उन्होंने कहा कि 'उनके शरीर पर चोटें कहां से आई, इसकी जांच होनी चाहिए.'