Anurag Thakur On Wrestlers Protest: सरकार ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को बातचीत के लिए फिर से आमंत्रित किया है. केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर खुद इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'सरकार पहलवानों से जुड़े उनके मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार है. मैंने एक बार फिर इस बारे में पहलवानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है.' उनके इस ट्वीट को 32 हजार व्यूज मिल चुके हैं. 


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नौकरी पर वापस लौट चुके हैं पहलवान 


केंद्रीय खेल मंत्री (Anurag Thakur) का यह ट्वीट प्रदर्शनकारी पहलवान बजरंग पुनिया के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने बताया था कि 3 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ मुलाकात की थी. पुनिया के अनुसार, उस बैठक में गृह मंत्री ने पहलवानों के मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया था. इस बयान के बाद सभी पहलवान 5 जून को रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट आए थे. 


नौकरी दोबारा जॉइन करते वक्त विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) ने ट्वीट करके कहा, 'हमारे मेडलों को 15-15 रुपये का बताने वाले लोग अब हमारी जॉब के पीछे पड़ गए हैं. अगर हमारे आंदोलन की राह में नौकरी आएगी तो उसे त्यागने में भी 5 मिनट नहीं लगाएंगे. हमें नौकरी का डर मत दिखाइए. यह हमारे लिए बहुत छोटी चीज है.' 


'अभी खत्म नहीं हुआ हमारा आंदोलन'


पुनिया (Bajrang Punia) ने एक अन्य ट्वीट में साफ किया था कि वे नौकरी पर भले ही वापस आ गए हैं. लेकिन उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने देशवासियों से किसी तरह की अफवाह से दूर रहने और मीडिया से मामले की सही रिपोर्टिंग करने की भी अपील की.  


बताते चलें कि विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और सत्येंद्र कादियान भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाते हुए 30 जनवरी को जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया था. इस पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ उनकी बातचीत हुई. जिसके बाद सरकार ने एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता में मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया.


बृजभूषण शरण सिंह पर 2 केस दर्ज


इसके बाद 23 अप्रैल से पहलवान दोबारा से जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए. पहलवानों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एफआईआर दर्ज करने और पहलवानों को सुरक्षा देने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ 2 अलग-अलग केस दर्ज कर जांच के लिए स्पेशल टीम गठित कर दी. 


लेकिन पहलवान इससे भी नही माने और बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे. उन्होंने अपनी इसी मांग को लेकर 28 मई को नई संसद के पास महिला महापंचायत करने की कोशिश की थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने एक्शन लेकर उन्हें जंतर मंतर से खदेड़ दिया और उनका सामान वहां से हटा दिया गया. 


अब तक 200 लोगों के बयान दर्ज


फिलहाल दिल्ली पुलिस की एसआईटी इस मामले में अब तक 200 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है. पुलिस टीम ने यूपी के गोंडा जिले में जाकर बृजभूषण (Brij Bhushan Sharan Singh) के सहयोगियों और उनके आवास पर काम करने वाले लोगों के बयान भी दर्ज किए. सरकार का कहना है कि पुलिस की जांच रिपोर्ट का इंतजार करें. जांच में जो भी तथ्य निकलकर आएंगे, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी लेकिन पहलवान गिरफ्तारी से कम किसी कदम पर तैयार नहीं हैं.