नई दिल्ली: अगर आप कोई ऐसा बिजनेस या जॉब करते हैं. जिसमें आपको रोजाना बड़े स्तर पर कैश लाना- ले जाना पड़ता है तो आप पर लूटपाट का खतरा हमेशा मंडराता रहता है. आप सोचते हैं कि अगर आपको आर्म्स लाइसेंस (Arms Licens) मिल जाए तो आप कोई मुसीबत आने पर लुटेरों-बदमाशों से अपनी बेहतर तरीके से रक्षा कर पाएंगे. 


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आज हम आपको बताएंगे कि आप हथियार का लाइसेंस कैसे हासिल कर सकते हैं. इसे लेने के लिए क्या नियम-शर्तों होती हैं. आपको किन-किन हथियारों को रखने का लाइसेंस (Arms license) मिल सकता है. 


आर्म्स लाइसेंस के लिए जरूरी शर्तें


आर्म्स एक्ट, 1959 के अनुसार कोई भी सक्षम व्यक्ति अपनी आत्मरक्षा के लिए प्रशासन से आर्म्स लाइसेंस (Arms Licens) ले सकता है. इसके लिए आवेदक की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए और वह भारत का नागरिक हो. उस पर कोई गंभीर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए. वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हो और उस पर कोई सरकारी बकाया न हो. 


लाइसेंस के लिए बताना होता है कारण


आवेदक को अपने फार्म के साथ एक एप्लीकेशन भी देनी होती है. जिसमें उसे तथ्यों और सबूतों के साथ यह स्पष्ट करना होता है कि उसके लिए लाइसेंस (Arms Licens) क्यों जरूरी है. इनके अलावा अगर आप शूटिंग प्लेयर हैं तो भी आपको हथियार का लाइसेंस मिल सकता है. हालांकि इसके लिए भी आपको सबूत दिखाने होंगे. 


फॉर्म के साथ लगने वाले जरूरी डॉक्यूमेंट्स 


- आयु प्रमाण पत्र 
- चरित्र प्रमाण पत्र 
- इनकम की जानकारी 
- संपत्ति की जानकारी
- पहचान प्रमाण पत्र और एड्रेस प्रूफ
- मेडिकल सर्टिफिकेट 
- किसी प्रकार की देनदारी की जानकारी


कौन जारी करता है लाइसेंस?


अलग-अलग राज्‍यों में जिलाधिकारी, कमिश्नर या इस रैंक के अन्य अधिकारी लाइसेंस जारी करते हैं. आपको डीएम या कमिश्नर ऑफिस से फॉर्म लेकर वहीं पर आर्म्स लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है. इस फॉर्म के साथ सभी जरूरी डॉक्यूमेंट लगाने होते हैं. साथ ही यह भी बताना होता है कि आपको पिस्टल, रिवाल्वर या राइफल आदि में से किस हथियार का लाइसेंस (Arms Licens)  चाहिए. 


दो जगहों से मांगी जाती है रिपोर्ट


इसके बाद डीएम उस एप्लीकेशन को संबंधित थाने और एसडीएम ऑफिस में फॉरवर्ड करके रिपोर्ट मांगते हैं. दोनों जगहों से आवेदक के बारे में गहनता से छानबीन की जाती है और उसकी हथियार के लाइसेंस (Arms Licens) की जरूरत को परखा जाता है. इसके बाद रिपोर्ट थाने से निकलकर डीएसपी ऑफिस, वहां से एसपी ऑफिस होते हुए डीएम तक पहुंचती है. वहीं प्रशासन की ओर से लेखपाल, तहसीलदार, एसडीएम और एडीएम होते हुए रिपोर्ट डीएम तक पहुंचती है. इसके बाद डीएम दोनों रिपोर्ट का आकलन कर लाइसेंस के मुद्दे पर अपने विवेक से फैसला करते हैं. 


इन जगहों से खरीद सकते हैं हथियार


जब डीएम लाइसेंस जारी कर दें तो आप हथियार खरीद सकते हैं. हथियार की खरीद के लिए आपको दो ऑप्शन मिलते हैं. आप चाहें तो सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से हथियार ले सकते हैं. वहां से हथियार आपको काफी सस्ता पड़ता है. आप करीब एक से डेढ़ लाख रुपये में वहां से पिस्टल या रिवाल्वर ले सकते हैं. आप प्राइवेट गन हाउसों से भी हथियार खरीद सकते हैं. हालांकि वहां से हथियार खरीदने पर आपको करीब डेढ़ गुणा ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ती है.


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5 साल के लिए मिलता है लाइसेंस


हथियार खरीदने के बाद आपको डीएम ऑफिस या सिटी मैजिस्ट्रेट ऑफिस में जाकर उसकी डिटेल दर्ज करवानी पड़ती है. इसके साथ ही अपने नजदीकी थाने में भी उसका ब्योरा दर्ज करवाया जाता है. इस रजिस्ट्रेशन के बाद आप अपने साथ लाइसेंस लेकर हथियार कैरी कर सकते हैं. आर्म्स लाइसेंस (Arms Licens) 5 साल के लिए जारी किया जाता है. जिसके बाद उसे फिर से रिन्यू करवाना पड़ता है. रिन्युअल के वक्त भी दोबारा से आवेदक की जांच-पड़ताल होती है. कोई भी व्यक्ति 2 हथियारों से ज्यादा लाइसेंस हासिल नहीं कर सकता.


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