Army Chief Manoj Pande News: आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने आज देश को बॉर्डर के हालात के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उत्तरी सीमा पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील बने हुए हैं. हमारे पास पर्याप्त क्षमता है और हम लगातार नई तकनीकों के जरिए इसमें इजाफा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश आर्थिक प्रगति की तरफ बढ़ रहा है इसलिए सेना लगातार सुरक्षा में लगी है. पूर्वी लद्दाख विवाद पर सेना प्रमुख ने कहा कि हम सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी रखे हुए हैं. चीन से चर्चा के दौरान अप्रैल 2020 की स्थिति में वापस लौटना हमारी प्राथमिकता है. इसके बाद दूसरे मुद्दों पर जोर दिया जाएगा. आगे उन्होंने यह भी कहा कि हमारी ऑपरेशनल तैयारियां उच्च स्तर की हैं. हमारे पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त रक्षा बल हैं. 


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कश्मीर में हिंसा कम लेकिन...


जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर सेना प्रमुख ने कहा कि घुसपैठ की कोशिशें हुई हैं, इसके बावजूद नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम कायम है. हम LoC पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर रहे हैं, जम्मू-कश्मीर के भीतरी इलाकों में हिंसा में काफी गिरावट आई है. सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को सहयोग मिलना अब भी जारी है. राजौरी-पुंछ में 2023 में 20 सैनिकों की जान गई. हम खुफिया जानकारी बढ़ा रहे हैं, तैनाती बढा रहे हैं, हम पिछली घटनाओं से सबक लेकर आगे की कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मैंने सैनिकों से कहा है कि मानवाधिकार उल्लंघन के मामले सहन नहीं किए जाएंगे.


बाहर और भीतर भी सेना देगी सेफ माहौल


दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हमारा देश आर्थिक क्षेत्र में प्रगति के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है. हम अपने देश की प्रगति में मदद करने के लिए आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. जनरल पांडे ने कहा कि सुरक्षा बलों के समग्र आधुनिकीकरण के तहत साल 2024 भारतीय सेना के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने का साल होगा.


मणिपुर पर बोले सेना प्रमुख


सैन्य प्रमुख ने कहा कि मणिपुर (Army Chief on Manipur) में हम प्रशासन की मदद कर रहे हैं, सेना ने बहुत संयम से काम किया है. लूटे गए हथियार बरामद करने की कोशिश हो रही है. 


उन्होंने कहा है कि भूटान के साथ हमारे गहरे संबंध हैं, हमारे खतरे एक जैसे हैं. हालांकि हम चीन-भूटान चर्चा पर नजर रख रहे हैं और लगातार संपर्क में हैं. म्यांमार पर उन्होंने कहा कि वहां का संघर्ष हमारे लिए चिंता की वजह है क्योंकि अब वहां मौजूद उग्रवादी संगठन भारत में आने की कोशिश कर रहे हैं. (भाषा के इनपुट के साथ)