Arvind Kejriwal का गुजरात HC के फैसले पर रिएक्शन, PM मोदी की डिग्री पर अब पूछा ये सवाल
Gujarat HC Verdict: अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पीएम मोदी की डिग्री के मामले में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर रिएक्शन दिया है. सीएम केजरीवाल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री की डिग्री पर सवाल पूछा है.
Arvind Kejriwal Statement: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की डिग्री के मामले में गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat HC) ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर जुर्माना लगाया है. इस पर रिएक्शन देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट का कल ऑर्डर आया कि लोग पीएम के एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की जानकारी नहीं ले सकते. इससे देश स्तब्ध है. किसी का पढ़ा लिखा या अनपढ़ होना कोई गुनाह नहीं है. हमारे देश में गरीबी है लोग घर की स्थितियों के कारण पढ़ नहीं पाते. उनका बयान आया कि नाली के गैस से चाय बनाई जा सकती है, बादलों के पीछे हवाई जहाज को रडार नहीं पकड़ सकेगा. पढ़ा-लिखा आदमी ऐसी बात नहीं करेगा. ऐसा लगता है कि उन्हें विज्ञान की कितनी कम जानकारी है. कनाडा में उन्होंने a+b को लेकर जो कहा वो सबने देखा. उन्होंने बच्चों से कहा कि क्लाइमेट चेंज कुछ नहीं है, जबकि यह हकीकत है. वहां बच्चे हंस रहे थे. ऐसे में संदेह होता है कि क्या प्रधानमंत्री पढ़े लिखे हैं?
केजरीवाल ने फिर उठाया ये सवाल
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए, आज लोग तेजी से तरक्की चाहते हैं. आज का युवा तेजी से तरक्की चाहता है. ऐसे में प्रधानमंत्री का पढ़ा-लिखा होना जरूरी है. हम जब आए दिन पीएम के बयान देखते हैं जो देश को विचलित करते हैं. प्रधानमंत्री को एक ही दिन में सैकड़ों फैसले लेने होते हैं, अगर वे पढ़े नहीं होंगे तो अधिकारी उनसे कहीं भी दस्तखत करा लेंगे.
नोटबंदी-जीएसटी पर ये पूछा
उन्होंने आगे कहा कि जैसे नोटबंदी हुई, जीएसटी लागू हुआ, इनसे अर्थव्यस्था का बेड़ा गर्क हुआ. कृषि कानून ऐसे ही लाए गए. पिछले कुछ साल में 60 हजार स्कूल बंद कर दिए गए, यानी शिक्षा की तवज्जो नहीं दी जा रही है. अनपढ़ देश कैसे तरक्की करेगा?
पीएम मोदी की डिग्री पर कही ये बात
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हाई कोर्ट के ऑर्डर ने प्रधानमंत्री के शिक्षा को लेकर और संशय बढ़ा दिया है. अगर डिग्री है और सही है तो दिखाई क्यों नहीं जा रही है? कुछ समय पहले अमित शाह ने एक डिग्री दिखाई थी. यह हो सकता है कि अहंकार में नहीं दिखा रहे हों. जनता के मन में दूसरा यह सवाल है कि हो सकता है डिग्री फर्जी हो. अगर प्रधानमंत्री दिल्ली या गुजरात यूनिवर्सिटी से पढ़े तो इन्हें तो सेलिब्रेट करना चाहिए. आज का सवाल यही है कि क्या 21वीं सदी के प्रधानमंत्री को पढ़ा-लिखा नहीं होना चाहिए.
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