Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम झटका... इन 10 प्वाइंट्स में समझें कोर्ट की पूरी सुनवाई
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव के मद्देनजर अंतरिम जमानत दी जा सकती है या नहीं? कोर्ट ने इस पहलू पर आज मंगलवार को ED और केजरीवाल की दलीलें सुनीं. कोर्ट का आदेश कब आएगा अभी ये साफ नहीं है.
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव के मद्देनजर अंतरिम जमानत दी जा सकती है या नहीं? कोर्ट ने इस पहलू पर आज मंगलवार को ED और केजरीवाल की दलीलें सुनीं. कोर्ट का आदेश कब आएगा अभी ये साफ नहीं है. बेंच ने आज की सुनवाई खत्म तक कुछ भी स्पष्ट नहीं किया. बेंच ने एक दिन बाद या अगले हफ्ते केजरीवाल की मूल याचिका पर सुनवाई की बात कही है. केजरीवाल ने अपनी इस याचिका में गिरफ्तारी को चुनौती दी है.
कोर्ट ने ये साफ किया है कि अगर अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलती है, तो वो सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए मिलेगी. इस दरम्यान वो मुख्यमंत्री होने के नाते अपने संवैधानिक दायित्व को नहीं निभा पाएंगे. कोर्ट ये नहीं चाहती है कि केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद सरकार के कामकाज में दखल दें.
केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से कोर्ट को आश्वस्त किया गया कि केजरीवाल फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. पर शर्त ये है कि एलजी किसी काम में ये कहकर बाधा न डालें कि अमुक फाइल पर केजरीवाल के दस्तखत नहीं हैं.
सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को जमानत देने का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलती है तो ये गलत उदाहरण बनेगा. ये आम लोगों को हतोत्साहित करने वाला होगा कि सिर्फ रसूख के चलते किसी को चुनाव प्रचार के लिए ही जमानत मिल गई. किसी आपराधिक केस में जितने अधिकार किसी आम नागरिक को हासिल हैं, उतने ही किसी राजनेता को.
SG तुषार मेहता ने कहा कि 5000 से ज्यादा राजनेता विभिन्न केस में जेल में बंद हैं. केजरीवाल को जमानत मिलती है तो वे भी लोग यही राहत की मांग करेंगे. एक किसान को उसकी फसल किसी व्यापारी के लिए अपनी दुकान के लिए जब जमानत नहीं मिल सकती तो किसी राजनेता को चुनाव प्रचार के लिए बेल नहीं मिलनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री हैं. वो कोई आदतन अपराधी नहीं है, जिनके खिलाफ बहुत से केस पेंडिंग हो. चुनाव नजदीक है... अभी जो स्थिति बनी है, वो असधारण है. चुनाव 5 साल में एक ही बार होता है. इसलिए अंतरिम जमानत पर हम विचार कर रहे है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम भले ही मान भी लें कि इस केस में केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत नहीं है तब भी अंतरिम जमानत दे सकते हैं.
गिरफ्तारी वाजिब है या नहीं, इस पहलू पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल की भूमिका के बारे में पता लगाने के लिए जांच एजेंसी को दो साल लग गए, ये ठीक नहीं है. आरोपी को लेकर जितने सबूत/ तथ्य है, उन्हें समग्र रूप में देखा जाना चाहिए, सेलेक्टिव होकर नहीं.
कोर्ट ने केस फाइल भी तलब की. कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और बाद की फाइल दिखाएं. केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले की फाइल नोटिंग्स भी दिखाएं.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपके हिसाब से इस मामले में proceed of crime (अपराध से अर्जित आय) 100 करोड़ थी. फिर 1100 करोड़ आप कैसे बता रहे हैं. शराब कंपनियों को हुए मुनाफे की सारी रकम को proceed of crime नहीं माना जा सकता.
कोर्ट ने ED से कहा कि आप हमारे सामने साफ करें कि कैसे केजरीवाल की गिरफ्तारी PMLA के सेक्शन 19 के तहत सही है. गिरफ्तारी के वक्त/रिमांड लेते वक्त ये ED की जिम्मेदारी बनती है कि वो साबित करे कि इसकी जरूरत क्यों है.
ASG एसवी राजू ने क्या कहा?
ASG एसवी राजू ने कहा कि शुरुआत में हमारी जांच केजरीवाल को लेकर ही केंद्रित नहीं थी. इसलिए गवाहों से भी सीधे उनकी भूमिका को लेकर सवाल नहीं पूछे गए. लेकिन जैसे जैसे आगे बढ़ी, केजरीवाल की भूमिका भी इसमे सामने आई.अगर शुरुआत में ही हमारी जांच केजरीवाल को लेकर केंद्रित होती तो हम पर आरोप लगता कि हम बदनीयती की भावना से काम कर रहे हैं.