जैसे TTD में मुस्लिम नहीं हो सकता, वैसे ही वक्फ में हिंदू नहीं होना चाहिए; ओवैसी ने क्यों छेड़ा नया विवाद?
Asaduddin Owaisi: AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने टीटीडी के नए चेयरमैन के बयान को आधार बनाकर वक्फ बिल पर एक बार फिर केंद्र सरकार को घेर लिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में एक भी मुस्लिम नहीं हो सकता उसी तरह वक्फ में हिंदू नहीं होना चाहिए
Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को तिरुपति मंदिर के नए चेयरमैन की मंदिर परिसर में 'केवल हिंदुओं' को काम पर रखने की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है. अपने बयान में ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के चेयरमैन ने तिरुमाला में सिर्फ हिंदू कर्मचारियों की नीति की घोषणा की है. वहीं केंद्र की एनडीए सरकार वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना चाहती है लेकिन टीटीडी बोर्ड के 24 सदस्यों में से एक भी सदस्य गैर-हिंदू नहीं है.
AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,'TTD बोर्ड (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के 24 सदस्यों में से एक भी सदस्य गैर-हिंदू नहीं है. TTD के नए चेयरमैन का कहना है कि वहां काम करने वाले लोग हिंदू होने चाहिए. हम इसके खिलाफ नहीं हैं, हमें बस इस बात पर आपत्ति है कि नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ के प्रस्तावित बिल में कह रही है कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना अनिवार्य कर दिया गया है. आप वक्फ बिल में यह प्रावधान क्यों ला रहे हैं? TTD हिंदू धर्म का बोर्ड है और वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्म का है. समानता होनी चाहिए. जब TTD के ट्रस्टी मुस्लिम नहीं हो सकते, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकता है?'
क्या कहा था टीटीडी के नए अध्यक्ष ने:
हाल ही में चुने गए टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने 31 अक्टूबर को कहा था कि मंदिर के परिसर में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए. बीआर नायडू ने कहा,'तिरुमाला में काम करने वाला हर व्यक्ति हिंदू होना चाहिए. यह मेरी पहली कोशिश होगी. इसमें कई मुद्दे हैं, हमें इस पर विचार करना होगा.' नायडू ने यह भी कहा था कि वह अन्य धर्मों से संबंधित कर्मचारियों को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार के साथ चर्चा करेंगे. नायडू ने यह भी कहा कि वह उन्हें वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) देने या उन्हें अन्य विभागों में ट्रांसफर करने की संभावना पर विचार करेंगे.
क्या है वक्फ संशोधन बिल:
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का बात करें तो यह अगस्त महीने में लोकसभा में पेश किया गया था. जिसका उद्देश्य डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्ज़े वाली संपत्तियों को वापस पाने के लिए कानूनी तंत्र शुरू करके बड़े सुधार लाना है. इस विधेयक में अन्य बदलावों के अलावा वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करके राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों में बदलाव, वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण और अतिक्रमण हटाने का प्रावधान है.
इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया है जो विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और समुदाय के प्रतिनिधियों से इनपुट इकट्ठा करने के लिए मीटिंगे कर रही है, ताकि समय रहते इसमें कुछ और जरूरी सुधार किए जा सकें.