असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार, `कायरता छुपाने के लिए संपादकीय लिखना बंद करे शिवसेना`
राम मंदिर पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की बयानबाजी पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने शनिवार को निशाना साधा.
नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हो रही सियासत एक बार फिर से गर्माने लगी है. राम मंदिर पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की बयानबाजी पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने शनिवार को निशाना साधा. राउत के इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा है कि शिवसेना अपनी कायरता को संपादकीय लेखों के जरिए छुपाना चाहती है. शिवसेना पीएम नरेंद्र मोदी से डरी हुई है. मैं शिवसेना से निवेदन करता हूं कि वह संपादकीय लेख लिखना बंद कर दें और केंद्र सरकार और फडणवीस सरकार को छोड़ दें.
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि मैं साबित कर सकता हूं कि मेरे पूर्वज भारत के ही रहने वाले थे. उन्होंने कहा कि शिवसेना पीएम मोदी से डरी हुई है और अपनी इस कायरता को छुपाने के लिए उन्होंने केवल संपादकीय लेख लिखने की एक नया सिंद्धात बना लिया है. ओवैसी ने कहा कि संपादकीय लेख लिखने से कुछ नहीं होगा. शिवसेना को मान लेना चाहिए कि वह पीएम मोदी और फडणवीस सरकार का कुछ नहीं कर सकते. बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी लगातार राम मंदिर को लेकर बयान बाजी कर रहे हैं. राम मंदिर को लेकर ओवैसी की इस बयानबाजी को लेकर संजय राउत ने उन पर निशाना साधा था.
शिवसेना नेता संजय राउत ने एआईएमआईएस नेता ओवैसी पर राम मंदिर को लेकर दो टूक कहा था, 'असदुद्दीन ओवैसी को अपनी हद में रहकर हैदराबाद तक ही रहना चाहिए. राम मंदिर अयोध्या में बनेगा, हैदराबाद, पाकिस्तान या ईरान में नहीं.' उन्होंने कहा, 'ओवैसी जैसे लोग मुस्लिम समुदाय को अपनी राजनीति के लिए भटकाने का काम करते हैं, जिसका भविष्य में उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.
शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार से राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर आज कानून नहीं बनाया गया तो बाद में कभी नहीं बन पाएगा.
शिवसेना नेता ने कहा कि आज हमारे पास बहुमत है, हम नहीं जानते 2019 के बाद स्थिति क्या होगी. कोर्ट राम मंदिर विवाद का हल नहीं निकाल सकता, क्योंकि ये विश्वास का मामला है. ये राजनीतिक इच्छाशक्ति का मामला है और उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ऐसा कर सकते हैं. गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जहां बीजेपी सरकार को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कानून लाने की सलाह दी है. वहीं शिवसेना भी मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने के लेकर लगातार दवाब बना रही है.