DNA: गाड़ी चलाते हुए 'चैट एंड ड्राइव' ले रही लोगों की जान, क्या लोगों में अब चालान का भी डर नहीं रहा?
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DNA: गाड़ी चलाते हुए 'चैट एंड ड्राइव' ले रही लोगों की जान, क्या लोगों में अब चालान का भी डर नहीं रहा?

Driving Safety Tips: गाड़ी चलाते हुए 'चैट एंड ड्राइव' करना सड़क पर बढ़ती दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बन रहा है. इसे रोकने के लिए पुलिस लगातार अभियान चलाती रहती है. फिर भी हादसे लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में इस प्रवृति को क्या माना जाए.

 

DNA: गाड़ी चलाते हुए 'चैट एंड ड्राइव' ले रही लोगों की जान, क्या लोगों में अब चालान का भी डर नहीं रहा?

DNA on Chat and Drive: चुनाव का मौसम है. ऐसे में सभी मतदाता अच्छी पार्टी अच्छे कैंडिडेट, सही मुद्दे देखकर सावधानी से वोट कर रहे होंगे. ऐसी ही सावधानी ड्राइविंग के समय भी जरूरी होती है. लेकिन दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली वाले ड्राइविंग के समय careless हो जाते है. ड्राइविंग के समय बहुत से लोग मोबाइल फोन पर बात करते हुए गाड़ी दौड़ाते है. दिल्ली वालों की ये आदत सड़क पर चलने वालों के लिए भी बड़ा खतरा बन रही है. ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात, या चैट करते हुए ड्राइवर अपनी जान तो जोखिम में डाल ही रहा है साथ ही दूसरों की जान जाने की आशंका भी बढ़ रही हैं.

DNA में हम हर रोज़ ऐसी खबर लेकर आते हैं जो सीधा आपसे कनेक्ट होती है. ये खबर भी हर उस शख्स से जुड़ी है जो रोड पर गाड़ी चला रहा है. 
खबर क्या है पहले आपको ये बताते हैं फिर आपको कुछ आंकड़े भी बताएंगे. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक सड़कों पर गाड़ी चलाते हुए मोबाइल फोन यूज करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. जिससे हादसे होने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है.

लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही दिल्ली पुलिस

इसी को लेकर यातायात पुलिस को सड़कों पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने पड़ रहे है. आप भी अपने आसपास ये सब रोज़ देखते होंगे. कोई कार में बैठकर फोन पर बात करते हुए गाड़ी दौड़ा रहा है तो कोई बिना हेलमेट के कान पर मोबाइल फोन लगाकर स्कूटी और बाइक चला रहा है. यही लापरवाही हादसों को न्योता देती है. 

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, 1 जनवरी से 15 अप्रैल 2024 के बीच 15,846 मोटर ड्राइवर्स ने ड्राइव करते हुए फोन का इस्तेमाल किया. इन सभी लोगों के चालान काटे गए. जबकि वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 15 अप्रैल के बीच 6,369 लोगों का ड्राइव के दौरान फोन पर बात करते हुए चालान कटा था.
दिल्ली में पिछले साल के मुकाबले इस साल ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल के मामले में 149 फीसदी का इजाफा हुआ है.

क्या चालान का डर लोगों में हुआ खत्म?

इन आंकड़ों को देखकर ही समझा जा सकता है कि दिल्ली वाले गाड़ी चलाते समय किस तरह नियमों का उल्लंघन कर रहे है...और सिर्फ उल्लंघन ही नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी और दूसरों की जान भी जोखिम में डाल रहे है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस वक्त वक्त पर बड़े स्तर पर चालान काटने का अभियान चलाती है. 

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जॉइंट कमिश्नर किम कमिंग ने बताया कि डिफेंस कॉलोनी, पंजाबी बाग, करोल बाग और सफदरजंग एन्क्लेव समेत दिल्ली के 10 बड़े चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस ने अभियान चलाया था. अभी इस वर्ष के 4 महीने की हुए है...लेकिन 4 महीने में ही रिकॉर्ड चालान कटे है... ऐसा लग रहा है जैसे दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी दौड़ाते लोगों में चालान का डर ही खत्म हो गया है.

गाड़ी चलाते हुए बात करना खतरनाक

गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करना लापरवाही भी है, और यातायात नियमों का उल्लंघन भी ..हम सबको पता है कि इस लापरवाही से हादसा हो सकता है. जिसमें जान भी जा सकती है, लेकिन इसके बावजूद लोग ये गलती करते है. आपके दिमाग में भी ये सवाल आ रहा होगा कि गाड़ी चलाते हुए फोन पर बात करते समय हादसों की संभावना क्यों बढ़ जाती है?

दरअसल गाड़ी चलाते समय जैसे की फोन या मैसेज आता है. ड्राइवर का ध्यान बंटता है. मोबाइल पर बात करते समय ड्राइवर के दिमाग के न्यूरॉन्स कम एक्टिव होते है, जिससे गाड़ी चलाने वाला खतरे को भाप नहीं पाता. फोन में हम सब इस कदर बिजी हो जाते हैं कि दूसरी गाड़ी का हॉर्न भी सुनाई नहीं देता. जिससे हादसे की संभावना बढ़ जाती है.

दोपहिया चालक सबसे ज्यादा कर रहे लापरवाही

यानि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी. लापरवाही बरतने के मामले में सबसे आगे टू व्हिलर चालक दिखते हैं. जिन्होंने हेलमेट को भी मोबाइल स्टैंड की तरह इस्तेमाल करना सीख लिया है. ZEE MEDIA की टीम ने सड़कों पर उतरकर ऐसे ही कुछ लोगों से बात करने की कोशिश की...कुछ तो भाग खड़े हुए और जो पकड़ में आए उनका तर्क अजब गजब था.

दिल्ली की सड़कों पर करोड़ों गाड़ियां दौड़ रही हैं...जिसमें फोर व्हिलर भी है, थ्री व्हिलर भी है और टू व्हिलर भी है...गाड़ियों की इस भीड़ में हादसों की संभावना भी बढ रही है. जिसका एक बड़ा कारण मोबाइल फोन बन रहा है...ऐसा नहीं है कि इसको लेकर कानून नहीं है...कानून है. motor vehicle act 2019 के तहत अगर कोई फोन पर बात करते हुए ड्राइव करते हुए पकड़ा जाता है तो उसका 10 हजार रूपये का चालान हो सकता है. गाड़ी चलाने वाले को नियम तोड़ने पर एक वर्ष तक की सज़ा भी हो सकती है.

हादसा कभी भी और कहीं भी हो सकता है

ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात करते हुए हादसा कहीं भी और कभी भी हो सकता है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2021 में गाड़ी चलाते समय फोन के इस्तेमाल के कारण 1,997 सड़क हादसे हुए...जिनमें 1,040 लोगों की जान गई. वर्ष 2022 में गाड़ी चलाते समय फोन के इस्तेमाल की वजह से 2 हजार चार सौ उन्यासी सड़क हादसे हुए. 1,132 लोगों की जान गई. भारत में हो रहे सभी सड़क हादसों में औसतन 2 प्रतिशत लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो रही है क्योंकि वो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए ड्राइव कर रहे थे.

गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर आई कॉल कभी भी काल बन सकती है. इसलिए बिल्कुल भी गलती मत करिए. एक जिम्मेदार नागरिक बनिए. ट्रैफिक नियमों का पालन करिए, खुद भी सुरक्षित रहिए और दूसरों को भी सुरक्षित रखिए.

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