Rajasthan News:  राजस्थान में 25 नवंबर को वोट डाले जाने हैं. प्रदेश में एक गांव ऐसा भी है जिसमें 'कलेक्टर', 'राष्ट्रपति' और 'राज्यपाल' भी वोट डालेंगे. यह गांव बूंदी जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित है. इसका नाम है राम नगर. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक रामनगर गांव की कुल आबादी है 5 हजार. इसमें 2 हजार मतदाता कंजर आदिवासी समुदाय से आते हैं. इसी समुदाय में किसी का नाम राज्यपाल है तो किसी राष्ट्रपति.


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यह नाम अगर आपको अलग लग रहे हैं तो इसके पीछे है जटिल सामाजिक इतिहास. रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश शासन के दौरान कंजरों को आपराधिक जनजाति के रूप में देखा जाता था. स्थानीय कंजर बालक दास के मुताबिक समुदाय के कुछ सदस्य क्राइम और अवैध गतिविधियों में शामिल रहते थे.


आजादी के बाद भी नहीं बदले हालात
आजादी के बाद, भारत सरकार ने ब्रिटिश काल के कानून को वापस ले लिया था. लेकिन हालात ज्यादा बदले नहीं.  स्थानीय पर्यवेक्षकों का कहना है कि समुदाय के कुछ सदस्य अगर कानून तोड़ते हैं तो पूरे समुदाय को अपराधी की दृष्टि से देखा जाता है. इसी निंदा से बचने के लिए इस समुदाय के कई लोगों ने ऐसे नाम रख लिए, जिन्हें लोग सम्मान की दृष्टि से देखते थे.


इस गांव पिछले चुनावों में आईजी, एसपी और तहसीलदार नाम के वोटर ने भी वोट डाले. हालांकि अब वे सब दिवंगत हो चुके हैं.


बदलने लगे हैं समुदाय के हालात
शुरुआत में लोगों ने दूरदर्शन देखकर अपने बच्चों के नाम रखे क्योंकि तब टीवी मीडिया का एक मात्र माध्यम यही था. हालांकि अब इस गांव में इंटरनेट और प्राइवेट चैनल भी पहुंच चुके हैं. गांव में एक स्कूल है जिसमें करीब 620 छात्र-छात्राएं पढ़ती हैं. गांव के 7 लोग सरकारी कर्मचारी भी बन गए हैं. स्थानीय नेता भी इस समुदाय की एक बेहतर छवि समाज में बनाई जाए.