Atiq Ahmed Dead: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या करने वाले तीन आरोपियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पूछताछ में सामने आया है कि ये तीनों काफी वक्त से एक-दूसरे को जानते थे. तीनों का अपना आपराधिक इतिहास रहा है. अपराध की दुनिया में जाने के बाद तीनों की जान-पहचान हुई. पिछले काफी वक्त से तीनों जुर्म की दुनिया में अपना नाम करने के लिए कुछ बड़ा करने की फिराक में थे.


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उमेश पाल की हत्या से थे नाराज


जानकारी के मुताबिक, अतीक और अशरफ को लेकर मीडिया में चल रही कवरेज और जिस तरह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा कर्मियों की हत्या की गई, उससे तीनों बेहद गुस्से में थे. कुछ दिन पहले ही तीनों ने फैसला किया था कि अतीक और अशरफ की हत्या कर इसे सामाजिक न्याय साबित कर सकते हैं. उन्होंने लगातार टीवी पर अतीक और अशरफ के करीब मीडियाकर्मियों को देखा. इसके बाद मीडियाकर्मी बनकर अतीक और अशरफ की हत्या की साजिश रची. कई दिन से तीनों मीडियाकर्मी बनकर अतीक और अशरफ के करीब जाना चाहते थे. लेकिन पुलिस की पुख्ता सुरक्षा की वजह से इनको मौका नहीं मिला था.  हत्या के बाद पुलिस को प्रतिबंधित जिगाना मेड की पिस्टल और .32 बोर की पिस्टल बरामद हुई है. तीनों ने हथियार कहां से लिए, इसकी जानकारी भी पुलिस को मिल गई है. इसके साथ ही उनके प्रयागराज में आने के पूरे रूट की भी जानकारी पुलिस ने जुटा ली है. 


जिगाना एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल है, जिसे तुर्की की बंदूक कंपनी टीआईएसएएस बनाती है. इस पिस्टल की मैन्युफैक्चरिंग साल 2001 में शुरू हुई थी और यह मूल डिजाइन वाली तुर्की की पहली पिस्टल्स में से एक है. जिगाना पिस्टल में रिवाइज्ड ब्राउनिंग-टाइप लॉकिंग सिस्टम के साथ लॉक-स्लाइड शॉर्ट रिकॉइल ऑपरेटिंग सिस्टम है.


कब-क्या हुआ


शनिवार की रात एक अस्पताल से मेडिकल जांच कराने के बाद अतीक और उसके भाई अशरफ बाहर आ रहे थे, तभी मीडिया ने उन्हें घेर लिया. अचानक दो पत्रकारों ने अपना-अपना कैमरा और माइक गिरा दिया और अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मार डाला. इसमें पुलिसकर्मी मान सिंह को चोटें आईं और हमलावरों में से भी एक घायल हो गया. इसके बाद शूटर लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह व अरुण मौर्य ने अपने हथियार गिरा दिए. इस घटना को कवर कर रहे कुछ पत्रकारों को भी मामूली चोटें आई हैं.


पूछताछ के दौरान तीनों ने खुलासा किया कि वे अतीक और अशरफ के गिरोह को खत्म करना चाहते थे और राज्य में अपना नाम करना चाहते थे, ताकि भविष्य में उन्हें फायदा हो सके. पुलिस की कड़ी निगरानी का अंदाजा नहीं लगा पाने के कारण हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद भाग नहीं सके. तीनों हमलावरों ने कहा कि वे हमला करने के लिए सही मौके का इंतजार कर रहे थे.


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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