बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कुमार शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर दिए विवादित बयान के बाद माफी मांग ली है. जबलपुर में कथा का वाचन करते हुए उन्होंने साईं बाबा को लेकर विवादित बयान दिया था जिसके बाद पूरे भारत में उनका विरोध होने लगा था. महाराष्ट्र में लोग सड़क पर उतरने लगे थे. उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था. ऐसे में मामले को बढ़ता देख धीरेंद्र शास्त्री ने माफी मांग ली है और कहा है कि उनकी भावना किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी. अपने बयान से पटलते हुए उन्होंने खेद प्रकट किया और कहा कि संतों के प्रति उनका सम्मान है और रहेगा.


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धीरेंद्र कुमार शास्त्री ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, 'मेरा हमेशा संतों के प्रति महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा. मैंने कोई एक कहावत बोली जो हम अपने संदर्भ में बोल रहे थे कि अगर हम छतरी पीछे लगाकर कहें कि हम शंकराचार्य हैं तो ये कैसे हो सकता है… हमारे शंकराचार्य ने जो कहा वो हमने दोहराया कि साईं बाबा संत फ़क़ीर हो सकते हैं और उन में लोगों की निजी आस्था है. अगर कोई व्यक्ति किसी संत गुरु को निजी आस्था से भगवान मानता है वह उसकी निजी आस्था है, हमारा इसमें कोई विरोध नहीं… हमारे किसी शब्द से किसी के हृदय को ठेस पहुंची, उसका हमें दिल की गहराइयों से दुख है और खेद है- बागेश्वर धाम सरकार..'


जबलपुर के कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था, 'हमारे धर्म के शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है और शंकराचार्य की बात मानना प्रत्येक सनातनी का धर्म है. वह अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं और कोई भी संत चाहे वो हमारे धर्म पंथ के हो या फिर, गोस्वामी तुलसीदास जी हों या सूरदास जी हों, संत हैं महापुरुष है, युगपुरुष है, कल्पपुरूष हैं लेकिन भगवान नहीं हैं. लोगों की अपनी अपनी निजी आस्था है और किसी की आस्था को हम ठेस नहीं पहुंचा सकते इतना कह सकते हैं, साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं पर भगवान नहीं हो सकते.'


 



धीरेंद्र शास्त्री की इस बात से साईं बाबा के भक्त आहत हो गए थे और उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया था. इसी कड़ी में महाराष्ट्र में उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ. मामले को तूल पकड़ता देख शास्त्री ने मांफी मांग ली है.