प्रशांत भूषण पर लटकी वकालत का लाइसेंस निलंबित होने की तलवार, इस संस्था ने शुरू की जांच
सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दोषी वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) भी कार्रवाई करने जा रही है. काउंसिल ने इस बात की जांच करने का फैसला किया है कि वकील भूषण का आचरण वकालत करने के तय मानक के मुताबिक था या नहीं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दोषी वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) भी कार्रवाई करने जा रही है. काउंसिल ने इस बात की जांच करने का फैसला किया है कि वकील भूषण का आचरण वकालत करने के तय मानक के मुताबिक था या नहीं. वकीलों की इस सर्वोच्च नियामक संस्था ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (BCD) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है.
BCI ने सामान्य परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके BCD को निर्देश दिया कि वह सुप्रीम कोर्ट की ओर से वकील प्रशांत भूषण पर लगाए गए जुर्माने की जांच करे. इसके साथ ही वकील होने के नाते उन्हें मिले अधिकारों के संबंध में कानूनी रूप से निर्णय ले. राज्य की बार काउंसिल ही LLB धारकों को वकील के रूप में अभ्यास करने का लाइसेंस देती है. उसके पास अधिवक्ता अधिनियम के तहत अपने सदस्यों के अधिकार को निलंबित करने या हटाने जैसी व्यापक शक्तियां होती हैं.
बता दें कि प्रशांत भूषण दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत वकील हैं. आपराधिक अवमानना के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 31 अगस्त को 1 रुपये का जुर्माना लगाया था. सजा के बाद प्रशांत भूषण ने ऐलान किया कि उन्होंने जुर्माने के तौर पर लगाया गया 1 रुपया भर दिया है. लेकिन उनका सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा.
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