Cyclone Remal LIVE : बंगाल में हाई अलर्ट, PM मोदी ने चक्रवात रेमल से निपटने के लिए बुलाई अहम बैठक
Cyclone Remal : बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने ‘लो प्रेशर सिस्टम’ ने हवाओं को चक्रवाती तूफान में बदल दिया है. पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना तटीय जिलों में 26-27 मई के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है, वहीं कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है.
Kolkata : चक्रवात ‘रेमल’ (Cyclone Remal) भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और इसके रविवार ( 26 मई ) आधी रात तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों पर दस्तक देने का अनुमान है. बता दें, यह जानकारी मौसम विज्ञान विभाग ने दी है.
विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ के तटों पर पहुंचने पर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और उनका वेग 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगा.
पीएम ने बुलाई बैठक
चक्रवात की वजह से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी बारिश और कोलकाता के आसपास क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया जा रहा है. तो वहीं, बताया जा रहा है, कि चक्रवात रेमल की प्रतिक्रिया और तैयारियों की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक की अध्यक्षता की है.
उत्तर की ओर बढ़ रहा रेमल
मौसम कार्यालय ने बताया कि ‘रेमल’ उत्तर की ओर बढ़ रहा है और रविवार आधी रात तक मोंगला बंदरगाह के दक्षिण-पश्चिम के निकट सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) और खेपुपारा (बांग्लादेश) के बीच तटों को पार करने से पहले इसके और तेज होने की संभावना है.
हवाई-उड़ानें, ट्रेन सेवाएं रद्द
चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने सावधानी के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं. कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवात ‘रेमल’ के संभावित प्रभाव के कारण रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान को रोकने का फैसला किया है.
इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मिलाकर कुल 394 उड़ान प्रभावित होंगी. कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह में भी चक्रवात के पूर्वानुमान के कारण रविवार शाम से 12 घंटे के लिए माल और कंटेनर प्रबंधन परिचालन बंद रहेगा.
Indigo ने भी रद्द की उड़ानें
बता दें, कि चक्रवात REMAL और कोलकाता में जारी NOTAM के वजह से इंडिगो ने भी कुछ उड़ानों को रीशेड्यूल और रद्द कर दिया है. यात्रियों को सभी बदलावों के बारे में पहले से सूचित किया गया है और उन्हें सोशल प्लेटफॉर्म पर वास्तविक समय पर अपडेट प्रदान किया जा रहा है.
चक्रवात रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में सागर द्वीप से 240 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था और इस दौरान 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और उनका वेग 110 किलोमीटर प्रति घंटे था.
पहला चक्रवात
यह मॉनसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है. मौसम कार्यालय ने पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 26-27 मई को भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है. असम और मेघालय में भी भारी बारिश होने की आशंका है. मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है.
चक्रवात के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने पर 1.5 मीटर तक की तूफानी लहर के कारण निचले इलाकों में पानी भर जाने की आशंका है. मौसम कार्यालय ने मछुआरों को सोमवार ( 27 मई ) सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है.
इन जगहों पर भारी बारिश का अनुमान
उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है. उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में भारी बारिश की आशंका के कारण इन क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है.
उत्तर बंगाल के जिलों कूच बिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में 28-29 मई को अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है. इसके अलावा दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है.
घर के अंदर रहने की दी सलाह
IMD ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में बाढ़ आने और कमजोर संरचनाओं, बिजली और संचार लाइन, कच्ची सड़कों, फसलों और बगीचों को भारी नुकसान होने की चेतावनी दी है. साथ ही प्रभावित इलाकों में लोगों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है.
आईसीजी ने हल्दिया, फ्रेजरगंज, पारादीप और गोपालपुर में खोज और बचाव अभियानों के लिए आपदा राहत दलों के अलावा पोत और विमान भी तैयार रखे हैं.
पुलिस की 10 टीम तैनात
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, कि कोलकाता पुलिस की 10 टीम शहर के 10 पुलिस प्रभागों में तैनात की गई है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल भी उन जिलों में जा रहे हैं जिनके चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की आशंका है. एनडीआरएफ ने कोलकाता, उत्तर 24-परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24-परगना, हावड़ा और हुगली सहित कई जिलों में अपने दल और उपकरण तैनात किए हैं.
पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की सीमाओं पर 9,630 वर्ग किलोमीटर में फैला सुंदरवन जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र स्तर में वृद्धि, लवणता और भूमि कटाव की वजह से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक है.
वैज्ञानिकों का कहना है, कि समुद्र की सतह के गर्म तापमान की वजह से चक्रवाती तूफान तेजी से तेज हो रहे हैं और लंबे समय तक अपनी ताकत बरकरार रख रहे हैं.
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पाई के अनुसार, समुद्र की सतह के गर्म होने का मतलब ज्यादा नमी है, जो चक्रवातों के तेज होने के लिए काफी है.