Water Crisis In Bengaluru: कर्नाटक का बेंगलुरु (Bengaluru) शहर इस समय जल संकट (Water Crisis) से जूझ रहा है. इस बीच कर्नाटक वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (Karnataka Water Supply and Sewerage Board) ने अहम फैसला लिया है. इस आदेश के अनुसार, अगर कोई पीने के पानी को बर्बाद (Drinking Water Wastage) करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी है. बोर्ड ने ये भी कहा था कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ 5 हजार रुपये जुर्माना (5 Thousand Rupees Fine) लगाया जाएगा. आइए जानते हैं कि क्या-क्या करना पीने की पानी की बर्बादी माना जाएगा.


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पीने के पानी का कहां ना करें इस्तेमाल?


कर्नाटक वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड के आदेश के मुताबिक, पीने के पानी का इस्तेमाल कार धोने, बगीचे में पौधों को पानी देने, फव्वारे, सड़क के निर्माण में और मरम्मत आदि में नहीं होना चाहिए. इसपर कड़ी निगरानी होगी. अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.


जल संकट का समाधान क्या?


कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया (Siddaramaiah) ने बताया कि कर्नाटक की 136 तालुका में से 123 को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. वहीं, 109 गंभीर रूप से जल संकट का सामना कर रही हैं. कर्नाटक सरकार ने जल संकट से समाधान के लिए तालुका लेवल पर कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन स्थापित करने का भी फैसला लिया है.


बेंगलुरु के लोगों से अपील


आईएमडी के साइंटिस्ट ए. प्रसाद ने कहा कि पिछले साल अल नीनो का प्रभाव था. इसका मीडियम इफेक्ट इस साल भी बना हुआ है. हालांकि, इसमें कमी आने की संभावना कम ही है. ऐसा में बेंगलुरु के लोगों से अपील की जा रही है वह हिसाब से कम मात्रा में ही पानी का इस्तेमाल करें. पानी को बिना वजह ना बहाएं. जल संकट से सभी को मिलकर निपटना होगा.