मुंबई (नित्यनंद शर्मा) : मुंबई की दूसरी लाइफलाइन कही जाने वाले बेस्ट बसों की हड़ताल का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा है. इस मामले की सोमवार (14 जनवरी) को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान जज ने सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाई. अधिकारियों और सरकार को फटकार लगाते हुए न्यायाधीश ने कहा, 'कोर्ट ने आपको एक कमेटी बनाकर इस मामले का समाधान निकालने का निर्देश दिया था. कमेटी का गठन भी हुआ, लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया है, जो कि निराशाजनक है.'


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आम जनता को हो रही परेशानी
सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि उनकी लापरवाही के कारण मुंबई की बेस्ट बसों में यात्रा करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अदालत ने हड़ताल कर रहे यूनियन से भी कहा कि अगर हम आपसे कुछ नहीं कह रहे हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि आप अपनी हड़ताल जारी रखेंगे.


एक दो नहीं बल्कि करोड़ों रुपये की है बात!
कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बीएमसी ने कहा कि यह करोड़ों रुपयों की बात है. इस पर कोई निर्णय लेने के लिए समय लगेगा, यूनियन हड़ताल जारी रखकर हम पर दबाव बनाने की कोशिश नहीं कर सकता है. अदालत ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद तीन बजे एडवोकेट जनरल को अदालत में पेश होकर इस पूरे मामले पर राज्य सरकार की भूमिका साफ करने की निर्देश दिए हैं.


33 हजार कर्मचारी कर रहे हैं हड़ताल
बता दें कि आज बेस्ट कर्मचारियों की हड़ताल का आज सातवां दिन है. बेस्ट के 33 हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. इनकी प्रमुख मांग है कि बेस्ट के बजट को बीएमसी के बजट में शामिल किया जाए.