नई दिल्ली : एससी/एसटी एक्‍ट को कथित तौर पर शिथिल किए जाने के विरोध में सोमवार को दलित संगठनों द्वारा किए गए राष्ट्रव्यापी बंद का असर आज भी देखा जा रहा है. कई दलित संगठन आज भी प्रदर्शन करने की बात कर रहे हैं. इससे पहले कल कई राज्यों में बंद के दौरान हुए प्रदर्शन का आम जनजीवन पर गहरा असर पड़ा. कई जगह प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया. इन घटनाओं में कम-से-कम 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्‍य घायल हुए. बंद का सबसे ज्‍यादा असर मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल जिलों में देखा गया, जहां कई स्थानों पर भड़की हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.


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यूपी में 2, बिहार और राजस्‍थान में एक-एक व्‍यक्ति की मौत
वहीं, बंद के हिंसक रूप ले लेने की वजह से उत्‍तर प्रदेश में 2, जबकि बिहार और राजस्‍थान में एक-एक व्‍यक्ति की मृत्‍यु हुई. बिहार के हाजीपुर में बंद के दौरान एक बच्‍चे ने दम तोड़ दिया. अधिकारियों के मुताबिक अकेले मध्य प्रदेश में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई गोलीबारी में कम-से-कम छह लोगों की मौत हो गई. 


देश में कई स्थानों पर कर्फ्यू लगाया गया
बंद के चलते देश में कई स्थानों पर कर्फ्यू लागू कर दिया गया और सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया. पंजाब में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैयार रखा गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने और कानून-व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया. मंत्रालय ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 800 दंगारोधी पुलिसकर्मियों को भेजा है. कई राज्यों में परिवहन, मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं के साथ सोमवार को कम-से-कम 100 रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ.


कई राज्‍यों में आगजनी और तोड़फोड़
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब सहित अन्य स्थानों पर आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की खबरों के बीच कई राज्यों ने बंद के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया था और संचार एवं रेल समेत परिवहन सेवाएं अस्थायी तौर पर रोक दी थीं. अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य जख्मी हो गए.


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यूपी में 40 पुलिसकर्मियों सहित करीब 75 लोग जख्मी
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि मेरठ में एक व्यक्ति हिंसा का शिकार बन गया. राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 40 पुलिसकर्मियों सहित करीब 75 लोग जख्मी हो गए. पुलिस ने वहां करीब 450 लोगों को हिरासत में लिया है. राजस्थान के अलवर में प्रदर्शन के हिंसक रूप ले लेने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ पुलिसकर्मियों सहित 26 अन्य जख्मी हो गए.


राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले में कोई पक्षकार नहीं है और वह इस फैसले के पीछे दिये गये तर्क से ‘ससम्मान’ असहमत है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर एक समग्र पुनर्विचार याचिका भी दायर की है. केंद्रीय मंत्री और महत्वपूर्ण दलित नेता एवं राजग के सहयोगी लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने याचिका दायर करने का शीघ्र निर्णय लेने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की.


कांग्रेस का आरोप- दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ीं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि राजग के 2014 में सत्ता में आने के बाद दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है. आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रदर्शनकारी समूहों के प्रति अपने समर्थन का ऐलान किया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति बनाए रखने तथा कानून व्यवस्था नहीं बिगाड़ने की अपील की, क्योंकि आजमगढ़ समेत कई जिलों से हिंसा की खबरें आई हैं. आजमगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन की दो बसें जला दीं, जिससे कई यात्री घायल हो गए. आगरा, हापुड़ और मेरठ में प्रदर्शनों के हिंसक रूप लेने के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया, 'हमने केंद्र से और बल मांगा है, जिसे वहां तैनात किया जाएगा. हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं जो नियंत्रण में है.' राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस सहित कई प्रमुख ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया जबकि कुछ ट्रेनों की यात्रा को निर्धारित गंतव्यों से पहले ही समाप्त कर दिया गया. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि हापुड़ स्टेशन पर करीब 2000 लोगों ने ट्रेनों के परिचालन में बाधा पहुंचाई तथा कई मालगाड़ियां बाधित कीं.


दिल्‍ली-एनसीआर में कई जगह ट्रेनें रोकी गईं
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पटरियों पर आ गए और देहरादून एक्सप्रेस और रांची राजधानी सहित कई ट्रेनों को रोक दिया. उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ ने गाजियाबाद में ट्रेनों के परिचालन को बाधित किया. प्रदर्शनकारियों के मार्च का असर लुटियंस दिल्ली में भी देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस पर एकत्रित होकर उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कथित उत्पीड़न के मामलों में स्वत: गिरफ्तारी और मामले दर्ज किए जाने पर रोक लगाई गई है. प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के बाहर सड़क जाम कर दी, जिससे यातायात थम गया और आईटीओ व यहां से होकर जाने वाले अन्य मार्गों के यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों को देखते हुए मंडी हाउस में भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया था. पुलिस ने पटेल चौक से जंतर मंतर जाने वाले संसद मार्ग पर भी यातायात बंद कर दिया.


पंजाब में बड़े स्‍तर पर हुए प्रदर्शन
दलितों ने पंजाब के जालंधर, पटियाला, होशियारपुर,रोपड, बठिंडा, फिरोजपुर, कपूरथला, और फगवाड़ा में प्रदर्शन किए. हरियाणा के पंचकूला, अंबाला, कैथल, हिसार, रोहतक, यमुनानगर, फरीदाबाद तथा गुरूग्राम और चंडीगढ में प्रदर्शन किए. इस दौरान दुकाने बंद रहीं और सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही बहुत कम रही.


दिल्ली और लाहौर के बीच चलने वाली भारत-पाक बस सेवा सदाए सरहद भी बाधित रही. लाहौर जाने वाली बस को श्रीहिंद में रोका गया और दिल्ली जा रही बस को अमृतसर में.


राजस्थान में पुलिस सूत्रों के अनुसार जयपुर, अजमेर, बाडमेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर, उदयपुर, सीकर में बंद समर्थकों और पुलिस में हल्की झड़प हुई. जयपुर में टोंक रोड पर बंद समर्थकों ने कुछ वाहनों के शीशे तोड़ दिए और दुकानों में तोड़फोड़ की और गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी को रोक दिया गया.