Bharat Ratna to LK Advani: भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान केंद्र सरकार कर चुकी है. आस्था में विश्वास रखने वाले और भाजपा समर्थक केंद्र सरकार के इस फैसले का सम्मान कर रहे हैं. लेकिन आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करना विपक्ष के कुछ नेताओं गलत लग रहा है. केंद्र के इस फैसले का विरोध करने वालों में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी शामिल है.


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आडवाणी को भारत रत्न सम्मान


असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को दावा किया कि वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान देना एक ‘गलत निर्णय’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए आडवाणी की 'रथ यात्रा', जहां-जहां गई थी, वहां दंगे हुए थे. ओवैसी ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए दंगों में हुई मौतों की संख्या से जुड़े कथित आंकड़ों का हवाला दिया.


..वहां-वहां हिंदू-मुस्लिम दंगा हुआ


उन्होंने कहा, ‘जहां-जहां लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा गई, वहां-वहां हिंदू-मुस्लिम दंगा हुआ. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दे रही है.’ ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान यात्रा के दौरान आडवाणी ने देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार एम.ए. जिन्ना की प्रशंसा की थी. उन्होंने आरोप लगाया, ‘जो पुरस्कार दिया गया, हमें लगता है कि यह पुरस्कार का अपमान है.’ ओवैसी ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद की शहादत उनकी (आडवाणी) मौजूदगी में हुई थी. जब वह गृह मंत्री थे, तब 2002 के दंगे हुए थे. हम इसे (भारत रत्न देना) गलत फैसला मानते हैं.’


अखिलेश यादव ने भी किया विरोध


इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर विरोध जताया था. उन्होंने कहा था कि भाजपा ने अपने वोट बैंक को बिखरने से बचाने के लिए ये सम्मान दिया. यह भारत रत्न अपने वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है. यह सम्मान में नहीं दिया जा रहा है. यह सम्मान (भारत रत्न मिलना) तो है खैर, लेकिन अपने वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है.


पीएम मोदी हुए भावुक


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाएगा और उन्होंने इसे अपने लिए ‘एक अत्यंत भावुक क्षण’ बताया. आडवाणी (96) यह सम्मान पाने वाले 50वें व्यक्ति हैं. पीएम मोदी ने ओडिशा में एक जनसभा में आडवाणी को सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बताया. उन्होंने कहा कि आडवाणी जी ने परिवारवाद की राजनीति को चुनौती दी और भारत के लोकतंत्र को 'सर्व-समावेशी और राष्ट्रवादी विचारधारा' से जोड़ा.


(एजेंसी इनपुट के साथ)