मुख्तार अंसारी के बेटे MLA अब्बास अंसारी को बड़ा झटका, अदालत ने खारिज की जमानत याचिका
UP News: अभियोजन पक्ष के अनुसार सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा की कोर्ट ने विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खरिज कर दी. अंसारी मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक हैं.
Abbas Ansari News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की एक अदालत ने फर्जी तरीके से जमीन अपने और अपनी मां के नाम करवाने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की जमानत याचिका शुक्रवार को ख़ारिज कर दी. अभियोजन पक्ष के अनुसार स्थानीय सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा की अदालत ने मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खरिज कर दी.
अभियोजन पक्ष ने बताया कि गाजीपुर सदर तहसील के लेखपाल सत्यपाल ने 19 अगस्त 2020 को कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि मोहम्मद पट्टी में रविंद्र शर्मा, श्रीकांत उपाध्याय तथा नंदलाल के नाम दर्ज बंजर जमीन को तत्कालीन जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार जमीन पुनः बंजर घोषित कर दी गई लेकिन अब्बास अंसारी और उसकी मां अफशां अंसारी ने फ़र्ज़ी तरीके से ज़मीन अपने नाम करा ली. इस संबंध में 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
पिछले हफ्ते अब्बास अंसारी की पत्नी को मिली थी जमानत
बता दें पिछले हफ्ते सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो को 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी. निखत बनो को जेल में अपने पति के साथ कथित गैरकानूनी मुलाकात के लिए गिरफ्तार किया गया था. न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने निखत को यह कहते हुए राहत दी कि याचिकाकर्ता एक महिला है और एक साल के बच्चे की मां है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बानो को निचली अदालत से अनुमति लिए बिना कासगंज जेल में अपने पति अब्बास अंसारी से मिलने पर भी रोक लगा दी. बानो ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था जिसने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने आरोपों की गंभीरता और मामले में बानो की संलिप्तता को देखते हुए 29 मई को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
(इनपुट – न्यूज एजेंसी - भाषा)