Delhi: जिगोलो सर्विस की आड़ में बड़ा कारनामा, पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा
Delhi Crime: दिल्ली में जिगोलो सर्विस के बहाने ठगी करने वाला रैकेट पकड़ा. चार लड़कियों समेत 6 आरोपी गिरफ्तार. पुलिस ने जांच के दौरान संदिग्ध नंबरों की कॉल डिटेल निलकवाई. जिन अकाउंट में रकम भेजी गई वहां से जानकारी जुटाई गई.
Delhi Crime News: दिल्ली में जिगोलो सर्विस के बहाने ठगी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश हुआ है. इस सिलसिले में पुलिस ने 4 लड़की समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है..हाल ही में इस गैंग ने एक युवक से 58,158 रुपए ऐंठ लिए थे. आरोपियों के पास से नौ मोबाइल फोन, सिमकार्ड, नौ डेबिट कार्ड और एक कार बरामद हुई है. आरोपियों की पहचान उत्तम नगर निवासी अमित गांधी, जय कोचर, माही गांधी, हरमन कौर, लिशा और रंजना हैं. इनमें अमित और माही पति पत्नी हैं.
गूगल से चल रहा था रैकेट
दिल्ली के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि डीडीए फ्लैट्स तीस हजारी क्षेत्र में रहने वाले एक पीड़ित ने एमएचए साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दी गई थी. जिसके बाद यह मामला 25 जुलाई को साइबर सेल थाने में दर्ज किया गया. पीड़ित ने बताया उसे एक नंबर गूगल पर मिला, जिसे देख उसने जॉब के मद्देनजर उस फोन नंबर पर बात की. दूसरी तरफ से बात करने वाले ने उसे 2500 रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर और 58,158 रुपए विभिन्न चार्ज के बहाने ले लिए थे.
दिल्ली और पंजाब से हैंडल हो रहा था रैकेट
पुलिस ने जांच के दौरान संदिग्ध नंबरों की कॉल डिटेल निलकवाई. जिन अकाउंट में रकम भेजी गई वहां से जानकारी जुटाई गई. टैक्नीकल सर्विलांस की मदद से पता चला आरोपी इस धंधे को वेस्ट दिल्ली और पटियाला पंजाब से ऑपरेट कर रहे हैं. लिहाजा, पुलिस ने सबसे पहले 26 जुलाई को अमित गांधी को इस केस में पकड़ा. उसके पास से एक्सयूवी कार बरामद की गई. उसी दिन दूसरे आरोपी जय कोचर को पकड़ा गया. दोनों से पूछताछ में माही, हरमन, रंजना और लिशा के नाम सामने आए, जो पटियाला पंजाब और उतम नगर से कॉलिंग करती थीं. वही लोगों को जॉब की बाबत रुपए देने के लिए बोलती थीं.
बना रखी थी फर्जी वेबसाइट
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया इन्होंने दो फर्जी वेबसाइट बना रखी थी. उन पर फर्जी मोबाइल नंबर डाल रखे थे. जब कोई दिए गए नंबर पर कॉल करता तो दूसरी तरफ से युवतियां उन्हें रजिस्ट्रेशन फीस के 25 सौ रुपए और होटल चार्ज, मेडिकल चार्ज व अन्य बहाने से मोटी रकम की डिमांड करती थीं. यह पेयमेंट करने के बाद भी जब पीड़ित को कोई जॉब नहीं मिलती तो वह अपने रुपए वापस मांगने लगता. इस स्थिति में आरोपी उसके मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर देते थे.
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