Bihar Bypolls: चुनाव नहीं लड़ रहे, फिर भी दांव पर इन बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा; जानें कौन-कौन शामिल
Bihar Bypolls: बिहार की चार विधानसभा सीट इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ़ पर बुधवार को उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है. इस चुनाव में सबसे बड़ी बात है कि करीब सभी सीटों पर विरासत बचाने की लड़ाई है.
Bihar Bypolls 2024: बिहार में चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, भले ही वो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. बता दें कि बिहार की चार विधानसभा सीट इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ़ पर बुधवार को वोटिंग होनी है. इस उप चुनाव में राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा तो दांव पर लगी ही है, कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. इस चुनाव में सबसे बड़ी बात है कि करीब सभी सीटों पर विरासत बचाने की लड़ाई है.
दांव पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष की साख
रामगढ़ विधानसभा सीट से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे पुत्र अजीत सिंह चुनावी मैदान में हैं. उनके बड़े पुत्र सुधाकर सिंह के सांसद बन जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. ऐसे में यह सीट राजद से ज्यादा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है. इस सीट पर राजद नेताओं ने जमकर पसीना बहाया है.
इमामगंज से चुनावी मैदान में जीतन राम मांझी की बहू
इधर, इमामगंज विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पुत्रवधू दीपा मांझी एनडीए प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान है. ऐसे में यह सीट केंद्रीय मंत्री के साख का सवाल बना हुआ है. यहां राजद और जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी से उन्हें कड़ा मुकाबला मिल रहा है. इसी तरह बेलागंज सीट भी सांसद सुरेंद्र यादव के साख से जुड़ गया है. यहां राजद ने सांसद के पुत्र डॉ विश्वनाथ को चुनावी मैदान में उतार दिया है. बेलागंज सीट लंबे समय से राजद के कब्जे में रहा है. सुरेन्द्र यादव यहां लंबे समय तक बेलागंज के विधायक रहे है.
चुनावी मैदान में बाहुबली नेता सुनील पांडेय के बेटे
इस उप चुनाव में तरारी सीट पर भी सबकी निगाह लगी हुई है. तरारी सीट से इस उप चुनाव में दिग्गज और बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र भाजपा की टिकट पर चुनाव मैदान में पहली बार भाग्य आजमा रहे हैं.
प्रशांत किशोर ने प्रत्याशी उतार लड़ाई बनाई दिलचस्प
इधर, इस उप चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी प्रत्याशी उतारकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. कितनी सीटें इस चुनाव में जनसुराज को मिलेगी इस पर सबकी नजर है. ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर जनसुराज ने कोई भी सीट पर जीत दर्ज कर विरासत की सियासत को रोकने में सफल हो गई तो यह जनसुराज के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)