पटना: बिहार की एक एडीजी कोर्ट ने हैरान करने वाला फैसला सुनाया है और कोर्ट ने महिला के साथ रेप की कोशिश करने वाले धोबी को गांव की सभी महिलाओं के कपड़े मुफ्त में धोने और प्रेस करने को कहा है. बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर की एक निचली अदालत ने कहा कि आरोपित को इसी शर्त पर जमानत दी जा रही है कि वह अगले छह महीने तक गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोएगा.


कोर्ट ने क्यों दी ऐसी सजा?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) ने मामले की सुनवाई करते हुए लौकाहा थाना क्षेत्र के गांव के रहने वाले 20 वर्षीय आरोपी ललन कुमार को फटकार लगाई और महिलाओं का सम्मान करने को कहा. उन्होंने कहा कि उसे यह सजा इसलिए दी जा रही है ताकि आरोपी के मन में महिलाओं के प्रति सम्मान आ सके.


ये भी पढ़ें- कोरोना संकट के बीच फेक वैक्सीन सर्टिफिकेट का खतरा, 10 गुना बढ़ा काला बाजार


6 महीने तक धोने होंगे 2000 महिलाओं के कपड़े


ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दौरान कोर्ट में आरोपी से पूछा कि वह किस पेशे से जुड़ा है. इसके बाद उसने बताया कि वह धोबी का काम करता है. इसपर कोर्ट ने उसे महिलाओं कपड़े धोने का आदेश दिया है. गांव में करीब 2000 महिलाओं की आबादी है और आरोपी को अगले छह महीने तक मुफ्त में 2000 महिलाओं के कपड़े धोने और प्रेस करने होंगे.


19 अप्रैल में किया गया था गिरफ्तार


बता दें कि ललन कुमार को इसी साल 19 अप्रैल को महिला से छेड़खानी और रेप की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. लौकहा थाना प्रभारी संतोष कुमार मंडल ने बताया है कि ललन कुमार पर 17 अप्रैल की रात गांव की एक महिला के साथ छेड़खानी और रेप की कोशिश करने का आरोप है. इस मामले में पीड़िता ने 18 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई थी.


लाइव टीवी