Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. चुनाव में जीत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एक्टिव हो गए हैं. इस क्रम में सोमवार को उन्होंने राज्य में एनडीए सहयोगियों से बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लंबी बैठक की. आइये आपको बताते हैं इस बैठक में क्या निर्णय लिए गए.


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जनता दल (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर बैठक की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘राजग की प्रचंड जीत की तैयारी. जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की अध्यक्षता में आज एक अणे मार्ग, पटना में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की संयुक्त बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों और प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक समन्वय पर विस्तृत चर्चा हुई.’’ 


उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में राजग के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा एवं लोकसभा सदस्य, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, विधान पार्षद तथा जिला अध्यक्ष शामिल हुए. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए जद(यू) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में 2010 से भी बड़ी जीत हासिल करेगा. 


इसके लिए राजग के सभी घटक दल संकल्पित हैं. राजग की संयुक्त बैठक में 2025 के चुनाव के मद्देनजर प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक गठबंधन के घटक दलों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया गया है. साथ ही इसमें तय किया गया कि पहले जिला स्तर पर राजग के कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी और फिर विधानसभावार राजग का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. 


झा ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बिहार में 2005 के बाद शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, सुरक्षा और महिलाओं, युवाओं तथा वंचित तबकों के सशक्तिकरण के लिए किये गये महत्वपूर्ण कार्यों की चर्चा की. साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में राजग की राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा जितने बड़े पैमाने पर विकास के काम किये गये हैं, यदि उनकी उपलब्धियों को ही ठीक से जनता के बीच पहुंचा दिया जाये, तो राजग की प्रचंड विजय की राह आसान हो जाएगी. 


उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने 2010 के विधानसभा चुनाव से भी बड़ी जीत का आह्वान करते हुए कहा कि यदि राजग के घटक दलों के नेताओं के बीच प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक बेहतर समन्वय हो, तो 2025 के विधानसभा चुनाव में विपक्ष कहीं टिक नहीं पायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात का समर्थन करते हुए बैठक में शामिल राजग के सभी घटक दलों के नेताओं ने बूथ स्तर तक बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया. 


झा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने इस साल के केंद्रीय बजट में बिहार की जरूरतों का विशेष ख्याल रखा है और राजमार्ग, बाढ़ से सुरक्षा, उद्योग, पर्यटन, बिजली आदि के लिए विशेष सहायता का प्रावधान किया है. नीतीश ने कहा कि हमें आगे भी उनसे विशेष सहयोग का भरोसा है. उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि नयी पीढ़ी को 2005 से पहले के बिहार का सही अनुमान नहीं है. उन्हें यह बताने और जागरुक करने की जरुरत है कि विपक्ष में जो लोग हैं, उन्हें जब काम करने का मौका मिला था, तो उन्होंने बिहार को किस हाल में पहुंचा दिया था. 


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि राजग की इस बैठक में घटक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी समन्वय और 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई. दिलीप जायसवाल ने कहा, “मुख्यमंत्री ने 2025 में राजग को एक और जीत की ओर ले जाने का संकल्प लिया. उन्होंने विपक्षी महागठबंधन को बेनकाब करने का भी आह्वान किया है और कहा है कि वह महागठबंधन से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.” 


गौरतलब है कि कुमार अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे और आरोप लगाया था कि भाजपा ने तत्कालीन लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख चिराग पासवान की मदद से उनकी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की थी. कुमार ने देश भर में भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियों को एक साथ लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण “इंडिया” गठबंधन का गठन हुआ, लेकिन इससे उनका लोकसभा चुनाव के पूर्व ही मोहभंग हो गया था और इस साल जनवरी में वे राजग में वापस आ गए थे. 


भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार ने बैठक के बाद कहा कि बैठक का एक ही विषय था कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजग नीतीश कुमार की अगुवाई में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाए. बैठक के बाद जनता दल (यू) के प्रदेश प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, “हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में हम लोगों ने बिहार में 30 सीटें जीती और अब हम लोगों का लक्ष्य है कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में 225 सीटें जीतें और विपक्षी महागठबंधन का राजनीतिक पोस्टमार्टम करेंगे.” 


इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में राजग ने बिहार की 40 में से 30 सीटें हासिल की थीं, जिसमें जद(यू) और भाजपा ने 12-12 सीटें हासिल की थीं, इसके बाद चिराग पासवान की पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं, जबकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक मांझी एक सीट जीते थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न राजग कि इस बैठक में राजग के अन्य प्रमुख नेताओं में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह “ललन” (जदयू) और गिरिराज सिंह (भाजपा), उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा (दोनों भाजपा), लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक संजय जायसवाल, राज्य कैबिनेट में मंत्री, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख एवं राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से संतोष सुमन और राज्य विधानमंडल के सदस्य शामिल थे. 


बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस जो राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं, की अनुपस्थिति पर राजग के नेता चुप्पी साधे रहे. पारस, जिनका उनके भतीजे चिराग पासवान के साथ विवाद चल रहा है, को लोकसभा चुनाव के बाद से दरकिनार कर दिया गया था और उक्त चुनाव में चिराग को महत्व दिया गया था. हालांकि, राजू तिवारी, जो चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष हैं, ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि युवा नेता की अस्थिरता अतीत की बात हो गई है और कुमार की “विधानसभा चुनाव से पहले सभी दलों के कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संकेत देने” के लिए सराहना की.


(एजेंसी इनपुट के साथ)