Bihar News: बिहार में बिजली विभाग के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, खासकर स्मार्ट मीटर विवाद को लेकर. आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों ने मिलकर इस मुद्दे पर आंदोलन शुरू किया है. जिसमें उन पर आरोप लगाया जा रहा है कि स्मार्ट मीटर के जरिए लोगों से अधिक बिल वसूला जा रहा है. इसी बीच, बिजली विभाग ने अपने अधिकारियों के लिए 50 लाख रुपये तक की महंगी लग्जरी गाड़ियां भाड़े पर लेने का टेंडर जारी किया, जिससे विवाद और बढ़ गया. 


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आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर के जरिए जनता से लूटी गई राशि से अब अधिकारियों को ऐश कराया जा रहा है. बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के अंतर्गत कार्यरत नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने इस टेंडर में शामिल गाड़ियों में टोयोटा फॉर्च्यूनर, फोर्ड एंडेवर और इनोवा क्रिस्टा जैसे मॉडल शामिल किए हैं. 


टोयोटा फॉर्च्यूनर की कीमत 60 लाख रुपये तक है, जबकि फोर्ड एंडेवर और इनोवा क्रिस्टा की कीमत क्रमशः 40-45 लाख और 30-32 लाख रुपये के बीच है. इस फैसले के खिलाफ उठे सवालों का सामना करते हुए बीजेपी नेता कुंतल कृष्ण ने कहा कि अधिकारियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना जरूरी है. जिससे उनकी कार्यकुशलता में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी.


हालांकि, टेंडर की प्रक्रिया में और भी विवाद देखने को मिल रहा है. यह टेंडर 5 अगस्त 2024 को प्रकाशित किया गया था, जिसकी अंतिम तारीख 29 अगस्त थी. लेकिन जब विपक्ष ने 30 सितंबर को इस टेंडर पर सवाल उठाए, तो बिजली विभाग ने इसे बैक डेट में कैंसिल करने का निर्णय लिया. जिसकी सूचना उन्होंने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित की. इस कैंसिलेशन के पत्र में तारीख 27 सितंबर बताई गई, जिससे कई संदेह उत्पन्न हुए हैं.


इस विवाद के बीच आरजेडी का प्रदर्शन जारी है और नेताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिलों में अत्यधिक वृद्धि हुई है. इस प्रकार, बिहार में बिजली विभाग का यह मामला न केवल अधिकारियों के ऐश-ओ-आराम का मुद्दा है, बल्कि जनता के हितों और सुविधाओं पर भी गंभीर प्रश्न उठाता है.