बिहार में सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति (Bihar Teachers Recruitment) में 3 लाख शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव (Chandrashekhar Yadav) ने शिक्षक नियोजन नियमावली को मंजूरी दे दी है और अब इसे कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक टवीट कर यह जानकारी दी. शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि महागठबंधन सरकार 10 लाख युवाओं को नौकरी देने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और हर हाल में अपना वादा निभाएगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नई नियमावली में व्यापक बदलाव 


नई नियमावली में शिक्षकों की नियुक्ति की मौजूदा प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है. पहले पंचायतों और नगर निकायों को भर्ती करने का अधिकार दिया गया था लेकिन अब भर्ती को एकीकृत आयोग बनाकर उसे सौंप दिया गया है. पुरानी शिक्षक नियोजन नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, लेकिन अब इसे केवल 38 तक ​सीमित कर दिया गया है. यानी हर जिले में महज एक नियोजन ईकाई होगी.


केवल मेधा अंक पर नहीं होगी भर्ती


पुरानी भर्ती नियमावली में मेधा अंक को वरीयता दी जाती थी. इसके तहत मैट्रिक, इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर के अलावा प्रशिक्षण में प्राप्त अंकों के अलावा पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर पहले भर्ती की जाती थी लेकिन अब इसमें मेधा अंक के आधार पर आयोग के प्रशासी विभाग की सलाह पर भर्ती की जाएगी. 


4 नहीं अब एक ही नियमावली होगी 


पहले भर्ती के लिए 4 तरह के नियमावली को मंजूरी दी गई थी लेकिन अब एक ही नियमावली से शिक्षकों की भर्ती की जाएगी. नई भर्ती में शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, लैब असिस्टेंट और अनुदेशकों की नियुक्ति के लिए एक ही नियमावली की मदद ली जाएगी. पहले की नियुक्ति में विशेष शिक्षक और लै​ब असिस्टेंट की नियुक्ति का प्रावधान नहीं था लेकिन नई नियमावली में इसके लिए मंजूरी दी गई है.