Share Market IPO Rules: सेबी की तरफ से छोटी और मिड साइज वाली कंपनियों के आईपीओ के लिए अप्लाई करने की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. इस नियम में बदलाव के बाद छोटे निवेशक ज्यादा पैसा लगाकर पहले से ज्यादा शेयर खरीद सकेंगे.
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Share Market Rules: अगर आप भी अक्सर छोटी और मिड साइज वाली कंपनियों के आईपीओ (IPO) में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, सेबी (SEBI) की तरफ जल्द इसमें इनवेस्ट करने की लिमिट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसके बाद आप इसमें ज्यादा पैसा भी निवेश कर सकेंगे. सेबी (SEBI) की तरफ से छोटी और मिड साइज वाली कंपनियों के आईपीओ (IPO) के लिए अप्लाई करने की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. इस नियम में बदलाव के बाद छोटे निवेशक ज्यादा पैसा लगाकर पहले से ज्यादा शेयर खरीद सकेंगे. सेबी (SEBI) का मानना है कि इससे छोटे निवेशक ज्यादा सुरक्षित हो सकेंगे. सेबी ने आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन को लेकर न्यूनतम इनवेस्ट लिमिट चार लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव दिया है.
क्या है सेबी का प्लान?
निवेश की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव देने के पीछे आरबीआई (RBI) का मकसद यह है कि केवल वे ही निवेशक निवेश करें जो रिस्क लेने और निवेश करने की क्षमता रखते हो. यह कदम एसएमई इश्यू में तेजी से निवेशकों के बढ़ते रुझान के बाद उठाया गया है. पिछले कुछ समय से इन इश्यू में निवेशकों की तरफ से अच्छा इंटरेस्ट दिखाया गया है. एसएमई इश्यू में ग्रोथ के साथ, ऐसी पेशकशों में निवेशकों की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है. आवंटित निवेशक-आवेदक अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में चार गुना था, यह वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 46 गुना और वित्त वर्ष 2023-24 में 245 गुना हो गया है.
रिटेल इनवेस्टर की भागीदारी तेजी से बढ़ी
सेबी की तरफ से दिये गए अपने सुझाव में कहा गया कि पिछले कुछ सालों में एसएमई आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर की भागीदारी बढ़ी है. एसएमई आईपीओ में रिस्क ज्यादा है और लिस्टेड होने के बाद धारणा बदलती है तो उनके फंसने का खतरा होता है. इसको देखते हुए, छोटे खुदरा निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए एसएमई आईपीओ में न्यूनतम आवेदन का साइज एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव है.
चार दिसंबर तक मांगा है सुझाव
इससे यह तय हो सकेगा कि केवल रिस्क लेने की क्षमता और जानकारी रखने वाले निवेशक ही एसएमई आईपीओ में अप्लाई कर पाएंगे. ज्यादा इनवेस्टमेंट लिमिट छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी को कम करेगी और रिस्क लेने की क्षमता वाले निवेशकों को आकर्षित करेगी. इससे एसएमई सेग्मेंट को लेकर भरोसा बढ़ेगा. एक दूसरे प्रस्ताव में निवेश की लिमिट एक लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये प्रति आवेदन करने का सुझाव दिया गया है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस बारे में लोगों से चार दिसंबर तक सुझाव देने को कहा है.