जामताड़ाः देश में आंकड़ों के मुताबिक शिक्षित बेरोजगारों की संख्या तेजी से बढ़ती हुई दिख रही है. कई राज्यों में पढ़े लिखे युवा रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच कुछ युवा ऐसे हैं जो अपने रोजगार का रास्ता खुद बनाते हैं, जो काफी आत्म निर्भर होते हैं. यह लोगों के लिए प्रेरणादायक भी होते हैं.


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ऐसे ही युवा झारखंड के जामताड़ा के हैं. झारखंड में वैसे भी शिक्षा का स्तर अन्य राज्यों से कम हैं. ऐसे में यहां के भी युवा शिक्षा के बाद भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं. हालांकि, कुछ यवा इससे अलग अपने खुद का रोजगार करते हुए नजर आ रहे हैं. जो लोगों के लिए प्रेरणादायक है.


झारखंड के जामताड़ा वीरगांव निवासी अकबर अंसारी इन दिनों जिले के लोगों खास तौर से युवाओं के लिए प्ररेणास्रोत है. दरअसल यह कहानी एक ऐसे युवक की है जिसने कृषि व्यवसाय को अपनाकर खुद को आर्थिक रूप से सशक्त किया है. 


अकबर एक पढ़ा लिखा युवा है. उसने बीएसके कॉलेज मैथन (धनबाद) से साइंस से स्नातक किया है. अन्य युवाओं की तरह ही अकबर ने भी पढ़ाई के बाद एक सरकारी नौकरी करने की सोची और कई परीक्षाएं भी दी. लेकिन कई प्रयासों के बाद भी अकबर को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई. 


अकबर ने कृषि कार्य को व्यवसायिक रूप देते हुए खेती को अपने रोजगार का साधन बनाया. कृषि विभाग से संतोषजनक सहयोग नहीं मिलने के बाद भी अकबर ने सब्जी की खेती करनी शुरू की. सब्जी की खेती ने नगद आमदनी को बढ़ाया. जिससे अकबर अपने माता-पिता का सहारा तो बना ही अपने एक छोटे भाइयों की शिक्षा-दीक्षा का भी जरिया बना. 


सब्जी की खेती कर अकबर लाखों रुपए कमा रहा है. इनदिनों उसके खेतों में हरी सब्जी के साथ-साथ तेलहन के रूप में सूर्यमुखी की फसल तैयार हो रही है. अकबर ने कहा कि उसे अगर सरकारी सहायता मिले तो और बेहतर ढ़ंग से खेती कर सकता है, क्योंकि उसका खेत वीरगांव नदी के किनारे है. जहां सालोंभर पानी की समस्या नहीं रहती है.