सहरसा: एक ओर सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों को शहर की सड़कों से जोड़ने के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि ग्रामीण इलाकों के किसानों को बेहतर लाभ मिल सके लेकिन ग्रामीण इलाकों में ऐसे योजना से कराए जा रहे कार्यों में संवेदक द्वारा लापरवाही बरती जा रही है.


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ताजा मामला बिहार के सहरसा जिले के दिवारी पंचायत का है जहां भरौली में सरकारी योजना के तहत संवेदक द्वारा लाखों की लागत से पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने संवेदक द्वारा पुलिया निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है.


 



 ग्रामीणों का कहना है कि भरौली गांव के वार्ड नम्बर आठ में तकरीबन चार किलोमीटर तक बनने वाली सड़क के बीच कई छोटे-छोटे पुल का निर्माण कराया जा है लेकिन संवेदक द्वारा न ही तो प्राकलन राशि का बोर्ड लगाया गया है और न ही योजना का बोर्ड लगाया गया है.


 ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है निर्माण कार्य मे न तो ठीक से सीमेंट लगाया जा रहा है और न ही रेत लगाया जा रहा है. छोटे मेटल की जगह बड़े-बड़े मेटल से जैसे-तैसे पुलिया को ढाला गया है। जिसकी वजह से नवनिर्मित पुलिया अभी से ही टूटने के कगार पर है.