दिल्ली/पटना: कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. दो बार किसान संगठनों और सरकार के बीच इस मुद्दे पर बात हो चुकी है. लेकिन अभी तक आंदोलन समाप्त करने को लेकर कोई सार्थक उम्मीद जगती नहीं दिख रही है. हालांकि, गुरुवार को सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमति बनती दिखी. इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है, उम्मीद है अगली बैठक में समाधान निकल जाएगा.


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'किसानों के हित में नहीं आंदोलन'
वहीं, विपक्ष भी किसान आंदोलन के समर्थन में उतर आया है और वह कृषि कानून को 'किसान विरोधी काला कानून' करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहा है. इस बीच, बीजेपी के संस्थापक सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि यह आंदोलन किसानों के हित में नहीं है और इसमें देश विरोध तत्व भी शामिल हो गए हैं.



'टुकड़े-टुकड़े गैंग वाले राष्ट्रद्रोही आंदोलन से जुड़े'
आरके सिन्हा ने कहा, 'किसानों का असमय शुरू हुआ आन्दोलन अन्नदाताओं के हित में नहीं है. इसमें न तो तथ्य है और न ही कोई मुद्दा है.' बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'यह पंजाब के कुछ किसानों का आन्दोलन है और इसमें अब देश विरोधी तत्व भी शमिल हैं जो नागरिकता संशोधन (CAA), एनआरसी (NRC), धारा 370 (Article 370) का विरोध करते रहें हैं, ये सब टुकड़े-टुकड़े गैंग वाले राष्ट्रद्रोही भी इस आंदोलन में जुड़ गए है.'


'किसानों को सावधान रहने की जरूरत'
पूर्व सांसद ने कहा, 'किसी भी किसान को नए कानून से तकलीफ नहीं है, वे खुश हैं. क्योंकि अब वह अपना सामान जहां चाहे वहां जाकर बेच सकते हैं. मंडी की दादागीरी अब नहीं है. ऐसी स्थिति में किसानों को ऐसे राष्ट्रविरोधी आंदोलन से सावधान हो जाना चाहिए. जो लोग किसानों को भ्रमित कर रहें उनसे दूर रहना चाहिए और उनका पर्दाफाश करना चाहिए.'