Araria: बिहार में पुल पुलिया कब ढह जाए ये इंजीनियर साहब को भी नहीं पता होता है. उनका काम बस निर्माण करना होता है और चल देना होता है, फिर पुल कहां बन रहा है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उस पुल से कोई आएगा-जाएगा या कोई गाड़ी इस पुल की तरफ से चलेगी. इसका कुछ अता पता नहीं होता है. बस पुल किसी तरह बन जाए और पैसे बन जाए! कुछ ऐसा ही मामला एक बार फिर अररिया में सामने आया है, जहां खेत में पुल बना दिया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


दरअसल, अररिया के बोची वार्ड संख्या 7 में मरना धार पर मनरेगा के तहत स्थानीय मुखिया की तरफ से एक पुल का निर्माण किया गया है. इस पुल से लोगों को बरसात के समय में गांव के इस पार से उस पार जाने में सुहूलीयत हो सके, लेकिन इस पुल पर एप्रोच पथ नहीं बनाया गया है, जिससे यह पुल शोभा की वस्तु बनी हुई है. 


बता दें कि मनरेगा योजना के तहत करीब नौ लाख रुपए की लागत से यह पुल बनाया गया है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पुल निर्माण में काफी अनियमितता बढ़ती गई है. वहीं, आनन-फानन मे पुल तो बना दिया गया है, लेकिन एप्रोच पथ नहीं बनाया गया है. जिसके कारण पुल बनने के बाद भी ग्रामीणों को फायदा नहीं मिल रहा है. 



स्थानीय मुखिया ने इस मामले में बताया कि मनरेगा से वर्क आर्डर मिलने के बाद इस पुल का निर्माण कराया गया है, जिसकी राशि भी अभी तक मनरेगा से नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि अभी बरसात होने के कारण इसमें एप्रोच पथ नहीं बनाया गया है. बरसात खत्म होते ही एप्रोच पथ बनाया जायेगा.


रिपोर्ट: रवि कुमार