कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा से रेप और फिर उसकी हत्या के बाद हुए आंदोलन से दबाव में आई पश्चिम बंगाल की सरकार ने विधानसभा में ऐसा बिल पास कराया है, जिस पर सवाल उठने लगे हैं. बिल के प्रमुख प्रावधानों में खास बात यह है कि इसमें दुष्कर्म के दोषी को 7 दिन के भीतर मौत की सजा दिए जाने का उल्लेख किया गया है. अब इस बिल के न्यायसंगत और असंगत होने को लेकर बहस शुरू हो गई है. इससे पहले बिहार से एक ऐसा उदाहरण है, जब महज एक दिन में कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुना दी थी. इसे भारतीय इतिहास में किसी भी कोर्ट की ओर से सबसे तेज फैसला माना गया था.


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मामला 2021 का है. अररिया जिले में पॉक्सो कोर्ट ने एक दिन की कार्यवाही में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. विशेष न्यायाधीश शशिकांत राय ने दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी ठोका था और पीड़िता के पुनर्वास के लिए 7 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था. आदेश 4 अक्टूबर को पारित किया गया था.


रेप की घटना 22 जुलाई 2021 को हुई थी और अगले दिन यानी 23 जुलाइ्र 2021 को मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले की आईओ यानी जांच अधिकारी अररिया महिला पुलिस स्टेशन प्रभारी रीता कुमारी थीं.


अररिया रेप केस में एक दिन में आए इस फैसले ने मध्य प्रदेश के दतिया जिला अदालत द्वारा तीन दिन में फैसला दिए जाने का रिकॉर्ड तोड़ा था. 


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मामला अगस्त 2018 का बताया जाता है. दतिया कोर्ट ने गवाहों की रिकॉर्डिंग और बहस को तेजी से निपटाते हुए एक ही दिन में अभियुक्त को दोषी ठहराया और फैसला सुना दिया था.


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