जल्द ही इस राज्य में मछलियों के आयात और निर्यात दोनों पर लगेगा बैन
पशु और मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से बाहरी मछली को बैन की अनुशंसा कर दी गई है.
शैलेंद्र/पटनाः बिहार में बाहर से आनेवाली मछली को बैन करने की तैयारी है. इसके लिए इंतजाम भी किए जा रहे हैं. पशु और मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से बाहर से आनेवाली मछलियां और राज्य से बाहर भेजे जानेवाली मछलियों को बैन करने की अनुशंसा कर दी गई है. अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिर्फ ऐलान किया जाना बाकी है. ऐसा माना जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग जल्द ही कोई फैसला लेगा.
बिहार में बाहर से आनेवाली मछलियों में फर्मलीन का लेप लगाने का मामला तब सामने आया था, जब 2018 में साइंस कॉलेज के छात्रों ने इसकी जांच की थी. इसके बाद जैसे ही रिपोर्ट सामने आ, मछली खानेवालों में हड़कंप मच गया. जिसके बाद बिहार सरकार भी एक्शन में आई और मछली के 10 नमूनों को जांच के लिए भेजे दिया.
कुछ दिन पहले तीन नमूनों की जांच रिपोर्ट आई, जिसमें मछली में फर्मलीन पाए जाने की रिपोर्ट पॉजिटिव कही गई. रिपोर्ट आने के बाद चिंता और बढ़ गई. सरकार को सात और रिपोर्ट आने का इंतजार था, अब वो रिपोर्ट भी आ गई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, सभी मछलियों में फर्मलीन की पुष्टि की गई है. जिसके बाद बाहर से आनेवाली मछली पर बैन लगाने का फैसला सरकार की ओर से लिया जा रहा है.
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि ये गंभीर मामला है. हमारे विभाग ने जांच रिपोर्ट के साथ अनुशंसा स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है. आगे का फैसला स्वास्थ्य विभाग सभी बिंदुओं पर विचार करके लेगा. मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि बाहर की मछली बैन होने पर बिहार से बाहर जानेवाली मछली को नहीं भेजा जाएगा. अभी बंगाल, सिलीगुड़ी और नेपाल तक बिहार की मछलियां जाती है. जिस पर रोक लगा दी जाएगी. ताकि, बिहार में मछली की मांग को कुछ हद तक पूरा किया जा सके. क्योंकि सूबे में मछली की खपत है और यहां मछलियों की पूर्ति बाहर से की जाती है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का कहना है कि लोगों के सेहत हमारे लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए सरकार इस पर कड़ा फैसला ले सकती है. फैसला लेने में किसी तरह की देरी नहीं की जाएगी, क्योंकि ये जन स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है. उन्होंने कहा कि फैसले से कुछ लोगों की रोजी रोटी पर समस्या होगी, लेकिन इसके बाद भी फैसला लेना है.
मछली पर रिसर्च करनेवाली विभाग विभा कुमारी ने बताया कि लोकल मछली की भी जांच की गई है, उसमें किसी तरह की समस्या नहीं पायी गई है. लेकिन बाहर से जो मछलियां आ रही है. उसको ताजा रखने के लिए फर्मलीन का प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि फर्मलीन से कैंसर होने क बड़ा कारण हो सकता है.
बिहार सरकार के साथ राजनीतिक दल भी बाहर से आनेवाली मछली पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. राजद नेता शिवानंद तिवारी और जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि जल्द से जल्द बाहर की मछली को बैन कर दिया जाना चाहिए.