Sawan: आज पांचवां और आखिरी सावन सोमवार है, जो पूर्णिमा तिथि यानी 19 अगस्त 2024 को पड़ रहा है. हिंदुओं के लिए सावन सोमवार आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन को सबसे पवित्र माना जाता है और भक्त इस भाग्यशाली दिन पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक सख्त उपवास रखते हैं. सावन 22 जुलाई को शुरू हुआ और आज रक्षा बंधन और पूर्णिमा तिथि यानी 19 अगस्त, 2024 को समाप्त हो रहा है. यह आखिरी श्रावण सोमवार है जब लोग इस व्रत को अत्यधिक भक्ति के साथ रख सकते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं.


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हिंदू धर्म में सावन का महीना पवित्र होता है. महादेव की आराधना और आशीर्वाद के लिए सावन एक महत्वपूर्ण महीना है. हिंदू भी इस महीने के सोमवार को महत्वपूर्ण मानते हैं, और वे भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिव मंदिरों में जाते हैं और शिवलिंग पर अभिषेक करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन, जो भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें सुख, समृद्धि और उनकी सभी आकांक्षाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मिलेगा.


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वहीं, बिहार के बांका के ज्येष्ठगौर नाथ महादेव मंदिर में आज के दिन सुबह से हजारों डाक बम सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा ज्येष्ठगौर नाथ महादेव को जलाभिषेक कर रहे हैं. सुल्तानगंज से बाबा ज्येष्ठगौर नाथ महादेव की दुरी लगभग 50 किलोमीटर है, जो पक्की सड़क से जाना पड़ता है. 55 किलोमीटर में जगह-जगह पर सैकड़ों सेवा शिविर लगा कर शिवभक्तों को पानी, फल, गर्म जल दिए जा रहे हैं. ये सेवक अमरपुर इलाके के है‌ं. बाबा ज्येष्ठगौर नाथ महादेव अमरपुर क्षेत्र पड़ता है, जो लगभग मंदिर के 25 किलोमीटर के इलाके के गांव से महिला, पुरुष, बच्चे डाक जल सुल्तानगंज से उठाते हैं और 6 से 8 घंटे में बाबा ज्येष्ठगौर नाथ महादेव को जलाभिषेक करते हैं.


बाबा ज्येष्ठगौर नाथ मंदिर की मन्यता है कि बाबा भोले से जो भी भक्त मन्नत मांगता हैं वह उसकी मनोकामना हृदय से पूरा करते हैं. मान्यता है कि ज्येष्ठगौर नाथ देवघर और बासुकीनाथ के बड़े भाई हैं.


रिपोर्ट: बिरेंद्र सिन्हा


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