Bihar Bridge Collapse: गंगा के रौद्र रूप को बर्दाश्त नहीं कर पाई पीरपैंती की पुलिया, 15 दिनों में 3 ब्रिज ध्वस्त
Bhagalpur Bridge Collapse: भागलपुर में राहू और केतु का नहीं, लगता है भ्रष्टाचार का दोष ज्यादा हावी हो गया है. तभी तो एक के बाद एक पुल ये पाप बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और गिरते जा रहे हैं.
Bhagalpur Bridge Collapse: भागलपुर में पुल-पुलियों के गिरने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है. गुरुवार को एक और पुलिया गंगा नदी का तेज बहाव बर्दाश्त न कर सकी और धारा के साथ निकल चली. पुलिया गिरने की यह घटना पीरपैंती के चौखंडी में हुई है. बताया जा रहा है कि बारिश और गंगा के रौद्र रूप धारण करने से पुलिया पर दबाव ज्यादा बढ़ गया और वह इसे झेल नहीं पाई. पुलिया को पहले से जर्जर घोषित किया जा चुका था. यह पुलिया वर्षों पुरानी बताई जा रही है. प्रशासन ने इस पुल पर आवागमन पर रोक लगा दी थी. पीरपैंती में पिछले 15 दिनों में पुल या पुलिया गिरने या बहने की यह तीसरी घटना है. पीरपैंती की यह पुलिया बहा, बाखरपुर, गोविंदपुर, बाबुपर, मोहनपुर को जोड़ने का काम करती थी. पुलिया के बह जाने से अब लोगों के पैदल आने जाने पर भी आफत आ गई है. घटनास्थल पर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है.
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इससे पहले 27 सितंबर, 2024 को पीरपैंती में ही एक पुल गिर गया था. इस पुल के गिरने से बाखरपुर, बाबूपुर पंचायत समेत कई गांवों का संपर्क कट गया था. इस पुल को बनाए अभी 2 साल ही हुए थे और इसका निर्माण तो पीडब्ल्यूडी ने कराया था. यह पुल पांच पंचायतों को पीरपैंती प्रखंड मुख्यालय से जोड़ता था.
16 अगस्त, 2024 को भागलपुर में ही सुल्तानगंज अगुवानी गंगा नदी पर बन रहे पुल ने तीसरी बार जलसमाधि ले ली थी. इस पुल के 9 और 10 नंबर पिलर के बीच का हिस्सा गंगा नदी में समा गया था. पिलर पर बना स्लैब लोहा समेत गंगा नदी में बह गया था. इस महासेतु का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी करवा रही है.
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करीब ढाई साल पहले सुल्तानगंज अगुवानी पुल का पहली बार 30 अप्रैल, 2022 की रात में पिलर संख्या 5 गिर गया था. इसके बाद 4 मई 2023 को अगुवानी की ओर से पिलर नंबर 9,10,11 और 12 का सुपर स्ट्रक्चर गंगा नदी में समा गया था.