बेगूसराय: बेगूसराय में पुलिस पर पिता-पुत्र को हाजत में बंद कर बेरहमी से पिटाई करने का मामला सामने आया है. आरोप यह भी है कि पुलिस ने सात हजार रिश्वत लेकर दोनों को छोड़ा. पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत एसपी से की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी योगेंद्र कुमार ने पूरे मामले की जांच करने का जिम्मा सदर डीएसपी को दिया है. दरअसल नीमा चांदपुरा थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव निवासी सीताराम महतो का अपने छोटे भाई बलवीर महतो के बीच घर के जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद था. 


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जमीन विवाद का हो गया था फैसला
पीड़ित का आरोप है कि पंचायत में जमीन के विवाद का फैसला भी हो गया था, लेकिन उसके छोटा भाई ने पुलिस में शिकायत की जिसके बाद पुलिस ने उसे और उसके पुत्र शिवम कुमार को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया और थाना अध्यक्ष अमित कांत और छोटा बाबू शंभू सिंह के द्वारा और डंडा और ईट से पिटाई कर दी. पिता पुत्र के शरीर पर अभी भी चोट के निशान दिख रहे हैं. पीड़ित परिवार ने सोमवार को एसपी योगेंद्र कुमार को लिखित शिकायत कर थाना अध्यक्ष और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. 


पुलिस पर जबरन मारपीट के आरोप
पीड़ित ने बताया कि मामूली विवाद की शिकायत पर थाना अध्यक्ष और पुलिस कर्मियों के द्वारा उसे थाना हाजत में बंद किया गया और बेरहमी से पिटाई की गई, इतना ही नहीं आरोप है कि जब उसकी पत्नी थाने पर पहुंची तो उसके साथ गाली-गलौज किया गया, इसके बाद रुपये लेकर उसे छोड़ा गया. इसकी शिकायत एसपी योगेंद्र कुमार से की गई है. एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की जांच करने का निर्देश सदर एसडीपीओ को दिया गया है. लेकिन बड़ा सवाल है कि मामूली विवाद की शिकायत पर पुलिस ने जिस तरीके से पिता-पुत्र को हाजत में बंद किया और उसकी पिटाई की. इसके निशान पीड़ित के शरीर पर दिख रहे हैं. जो उसके शरीर पर दिख रहा है ऐसे में पुलिस के इको फ्रेंडली पर एक बड़ा सवाल जरूर खड़ी हो गई है.


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