Patna: देश में कोरोना (Corona) के मामले लगातार सामने आ रहा है. इस महामारी के दौरान डॉक्टर लगातार लोगों से इम्यून बूस्टर को बढ़ाने की बात कर रहे हैं, ताकि कोरोना का खतरा कम हो सके. इसी बीच बिहार की धरती पर इस महामारी के खिलाफ 'संजीवनी बूटी' उगाई जा रही है. इससे लोगों को कोरोना महामारी को मात देने में सफलता मिलेगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर ( Bihar Agricultural University Sabour) में काला अमरूद उगाया गया है. इस चमत्कारी फल से लोगों को इम्युनिटी (Immunity) बढ़ाने में मदद मिलेगी और उन्हें बुढ़ापा भी देर में आएगा. इस फल की चर्चा अब दूर-दूर तक हो रही है. इस फल को विश्वविद्यालय को तीन साल पहले लगाया गया था और अब इसमें फल आ रहे हैं.  


बता दें कि काले अमरूद का देश में कमर्शियल उपयोग नहीं हो रहा है. बीएयू सबौर के शोध के सह निदेशक डॉक्टर फिजा अहमद ने बताया कि काले अमरूद का फलन हमारी ओर से शुरू किया गया है. हम लोग इस पर शोध कर इसकी गुणवत्ता में और भी सुधार लाएंगे. अमरुद में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है. जिससे यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और  बुढ़ापा रोकने में कारगर है. 


ये भी पढ़ें: बिहार योग विद्यालय ने योग को दिलाई विश्वव्यापी प्रसिद्धि, इस बार डिजिटल माध्यम से जुड़कर करें मन को शांत


 


बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ( Bihar Agricultural University Sabour) के फल उद्यान विभाग के अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि इस अमरूद में बीमारियों से लड़ने की क्षमता ज्यादा है. सितंबर तक इसका पूरी तरह से फलन हो जाएगा. एक पौधे में कम से 60 से 70 किलो तक का फल लगता है. ऐसे में अब  इस फल के ज्यादा उत्पादन की आवश्यकता है. काले अमरूद के विशेष गुणों को देखते हुए जरूरी है कि इसके उत्पादन को बड़ी संख्या में बढ़ाए जाएं, जिससे की ये आमलोगों को आसानी से उपलब्ध हो सके.