बिहार योग विद्यालय ने योग को दिलाई विश्वव्यापी प्रसिद्धि, इस बार डिजिटल माध्यम से जुड़कर करें मन को शांत
International day of yoga 2021: सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बिहार योग विद्यालय ने कोरोना महामारी के इस दौर में योग को जीवनशैली का अंग बनाकर यौगिक सकारात्मक दिनचर्या को अपनाने का संदेश दिया है.
Munger: 21 जून को दुनिया भर में सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. बिहार योग विद्यालय ने योग 2021 के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर अपना डिजिटल कार्यक्रम जारी किया है.
सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International day of yoga 2021) पर बिहार योग विद्यालय ने कोरोना (Coronavirus) महामारी के इस दौर में योग को जीवनशैली का अंग बनाकर यौगिक सकारात्मक दिनचर्या को अपनाने का संदेश दिया है. स्वामी शिव ध्यानम् सरस्वती ने कहा कि 'कोरोना काल में स्वास्थ्य पर ध्यान देकर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ मानसिक एवं भावनात्मक संतुलन लाकर जीवन में प्रसन्नता, सकारात्मकता एवं सामंजस्य को बनाए रखना जरूरी है. इसके जरिए नकरात्मक प्रवृतियां दूर होती है और सजगता और सकारात्मक यौगिक प्रवृतियां अभिव्यक्त होने लगती है.'
स्वामी शिव ध्यानम ने कहा कि 'योग में मन की भूमिका महत्वपूर्ण है. मन की प्रसन्नता व अप्रसन्नता का असर शरीर पर पड़ता है. बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो तनाव या मानसिक परेशानी में होते हैं, नकारात्मक बातें सोचते हैं, इससे उनके मन पर असर पड़ता है और इम्यूनिटी घटने लगती है. नकारात्मक सोच से बचने एवं मन को प्रसन्न रखने के लिए यौगिक जीवन अपनाएं.' उन्होंने कहा कि 'यम-नियम के रूप में प्रस्तुत योग के जीवनशैली पक्ष को यदि लोग अपनाएं तो शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्पष्टता एवं भावनात्मक संतुलन के रूप में योग से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकेंगे.'
योग आश्रम से 40 वर्षो से जुड़े शिव कुमार रूंगटा ने कहा कि योग जीवनशैली का अंग है. कोरोना महमारी के कारण आश्रम एक साल से बंद है लेकिन इस महमारी के दौरान उन्होंने अपने पोर्टल के माध्यम से लोगों को कोरोना से बचने के लिए कई योगासन बताए है और इस साल भी आश्रम द्वारा सभी को घर पर अभ्यास कराने, उनका पालन कराने और योग को लाइव करने के लिए पूरा कार्यक्रम ऑनलाइन उपलब्ध है.
उन्होंने कहा कि 'योग दिवस के मौके पर वेबसाइट के जरिए क्या-क्या योग करना है इसकी जानकारी दी गई है. मैं 40 वर्षो से में आश्रम के स्वामी सत्यानंद से जुड़ा हूं. आश्रम में सरल और सटीक योग की शिक्षा दी जाती है. किसी प्रकार की कोई डिमांड नहीं है.' उन्होंने कहा कि 'योग आश्रम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (A. P. J. Abdul Kalam), वर्तमन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द (Ram Nath Kovind), बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), कई मंत्री सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, बॉलीवुड अभिनेता-अभिनेत्री, बड़े -बड़े उद्योगपतियों ने आश्रम में आकर यहां शिक्षा ग्रहण की है.'
आश्रम से जुड़े मुकेश कुमार कहते है कि 'मैं आश्रम में स्वामी सत्यानंद जी का शिष्य था और आश्रम में ही मैंने योग सीखा. आज इसी के जरिए कई लोगों को योग की शिक्षा दे रहा हूं.' उन्होंने कहा, 'योग करने से हर व्यक्ति स्वस्थ रहता है, विचार बदल जाते हैं, लाइफ स्टाइल बदल जाता है. योग हमारे जीवन को प्रभावित करता है जिसके कारण अन्य लोग भी प्रेरित होते हैं. योग को अपनी जीवनशैली में लाए और इसे अपनाएं. मुंगेर योग विधालय समुद्र है, जो भी इसमें जाता है उसे कुछ ना कुछ मिलता ही है. योग विधालय के संस्थापक स्वामी सत्यानंद जी ने अथक प्रयास से मुंगेर में योग की स्थापना की जिसके स्वामी निरंजनानंद जी ने अन्य कई संस्थाओं के साथ-साथ बाल योग मित्र मंडल, युवा मित्र मंडल, वृद्ध आयोग मित्र मंडल, महिला आयोग मित्र मंडल को चलाकर सारे युवाओं और बच्चों को योग के प्रति प्रेरित किया.'
बता दें कि 'स्वामी सत्यानंद ने योग के प्रचार-प्रसार के लिए बिहार के मुंगेर में बिहार योग विद्यालय की स्थापना वर्ष 1963 में की थी. आज विश्व के अनेक देशों में इसकी शाखाएं काम कर रही हैम. योग विद्यालय की स्थापना के समय स्वामी सत्यानंद ने कहा था कि 'योग विश्व संस्कृति के रूप में प्रकट होगा.' उनकी यह घोषणा विश्व योग दिवस के रूप में साकार हुई है.
11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया. बिहार योग विद्यालय का वर्तमान में स्वामी निरंजनानंद सरस्वती के नेतृत्व में संचालन हो रहा है. कोरोना संक्रमण की वजह से योग विद्यालय बंद है लेकिन डिजिटल माध्यम से योग की जानकारी दी जा रही हैं. यहां योग कक्षाएं भी संचालित होती है. देश विदेश के लोग योग प्रशिक्षण के आते रहते हैं.
कार्यक्रम यहां उपलब्ध है: www.biharyoga.net
(इनपुट- प्रशांत कुमार)