Bhagalpur Airport: भागलपुर एयरपोर्ट की नई जगह पर असमंजस, गोराडीह से सुल्तानगंज तक की खींचतान
Bhagalpur Airport Construction: सुल्तानगंज में प्रस्तावित एयरपोर्ट की जगह देवघर जाने वाले फोरलेन के पास है, इसलिए इसे बनाने पर विचार हो रहा है. लेकिन यह जगह गोराडीह के मुकाबले शैक्षणिक और ऐतिहासिक स्थलों से काफी दूर है.
भागलपुर: भागलपुर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया में अब नया विवाद खड़ा हो गया है. पहले गोराडीह में एयरपोर्ट बनाने की योजना थी, लेकिन अब सुल्तानगंज में इसके लिए जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा गया है. इस निर्णय ने स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों के बीच असमंजस और नाराजगी बढ़ा दी है.
गोराडीह में एयरपोर्ट की जरूरत क्यों?
गोराडीह को एयरपोर्ट के लिए उपयुक्त बताया गया है क्योंकि यह ऐतिहासिक और शैक्षणिक महत्व वाले स्थलों के करीब है. 15-20 किलोमीटर के दायरे में विक्रमशिला महाविहार, प्रस्तावित विक्रमशिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग कॉलेज, सॉफ्टवेयर पार्क और कहलगांव एनटीपीसी जैसे संस्थान हैं. इसके अलावा बिहार-बंगाल की सीमा के पास होने से यह क्षेत्र व्यापार और पर्यटन के लिए अधिक उपयोगी साबित होगा.
एयरपोर्ट अथॉरिटी की मांग और सरकारी प्रक्रिया
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बिहार सरकार से गोराडीह के संबंध में टिप्पणी मांगी है. इस पर जिला प्रशासन ने भूमि चिह्नित कर रिपोर्ट भेज दी थी. गोराडीह में एयरपोर्ट के लिए 660.57 एकड़ जमीन प्रस्तावित की गई है, जबकि सुल्तानगंज में 855 एकड़ जमीन का चयन किया गया है.
सांसद और स्थानीय नेताओं का विरोध
भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल ने इस बदलाव पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बताया कि गोराडीह में एयरपोर्ट निर्माण के लिए पहले ही जमीन अधिग्रहण शुरू हो चुका था. जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई जा चुकी थी, लेकिन अब सुल्तानगंज को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है.
सुल्तानगंज क्यों आया चर्चा में?
सुल्तानगंज में प्रस्तावित स्थल देवघर जाने वाले फोरलेन के पास है, जिससे यहां हवाई अड्डा बनाने की संभावना पर विचार हो रहा है. हालांकि, यह स्थान गोराडीह की तुलना में शैक्षणिक और ऐतिहासिक स्थलों से दूर है.
जल्द समाधान की उम्मीद
भागलपुर में एयरपोर्ट की मांग लंबे समय से हो रही है. 2023 में विधानसभा में इसे लेकर गैरसरकारी संकल्प पास किया गया था. अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और बिहार सरकार से उम्मीद है कि वे इस टकराव का जल्द समाधान निकालेंगे, ताकि भागलपुर को हवाई सेवा का लाभ मिल सके. यह निर्णय केवल एक एयरपोर्ट का नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास और भविष्य की संभावनाओं का सवाल है. स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि सही स्थान का चयन कर सरकार इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाएगी.
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