10 दिनों से घरों में घुसा बाढ़ का पानी, न आदमी को खाना मिल रहा न पशुओं को चारा-पानी
बाढ़ पीड़ितों की मानें तो पिछले 10 दिनों से गंगा में बढ़े जल स्तर से घरों में पानी प्रवेश कर गया है. जिस वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. घरों में खाना बनाने में दिक्कत हो रही है पेयजल शौचालय की भी परेशानी हो रही है.
बेगूसराय: बेगूसराय में जिले के आठ प्रखंडों के 27 पंचायत और करीब 60-70 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं. खासकर गंगा से सटे दियारा इलाकों में बाढ़ की समस्या से लोग जूझ रहे हैं, हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा नाव का परिचालन जहां शुरू किया गया है वहीं पशु चारे और मेडिकल कैंप की व्यवस्था करने का दावा किया गया है. हालांकि धरातल पर कुछ जगहों पर नाव तो दिखती है इसके अलावा किसी तरह का कोई राहत और बचाव कार्य नहीं दिख रहा है.
बाढ़ पीड़ितों को करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना
बाढ़ पीड़ितों की मानें तो पिछले 10 दिनों से गंगा में बढ़े जल स्तर से घरों में पानी प्रवेश कर गया है. जिस वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. घरों में खाना बनाने में दिक्कत हो रही है पेयजल शौचालय की भी परेशानी हो रही है खासकर पशु चारे की स्थिति भयावह हो गई है, क्योंकि दियारा इलाके में लगी फसलें डूब चुकी है. जहां से पशु के लिए चारा लाना संभव नहीं हो रहा है. जिले के मटिहानी प्रखंड के कई गांव के बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि अब तक प्रशासन के द्वारा कोई भी राहत कार्य नहीं किया गया है, लोग किसी तरह समय काट रहे हैं.
पशु चिकित्सकों की टीम लगातार कर रही काम
बेगूसराय के डीएम रोशन कुशवाहा ने शनिवार को खुद मटिहानी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तथा व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया. बेगूसराय डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि 8 प्रखंडों के 27 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं जिसमें करीब 70000 लोग बाढ़ पीड़ित हैं, बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा नाव का परिचालन शुरू कर दिया गया है. पशु चारे की व्यवस्था की गई है, मेडिकल कैंप और पशु के लिए चिकित्सक की टीम लगातार बाढ़ पीड़ितों के बीच काम कर रही है. गंगा में 80 से 90% जलस्तर बढ़ा है जिस वजह से गंगा से सटे इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.