भागलपुर: एक तरफ सावन के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है. सुल्तानगंज से जल भरकर कांवड़िया देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक के लिए जा रहे हैं. इस सब के बीच बिहार में मानसून की वजह से हो रही बारिश का असर गंगा नदी में दिखने लगा है. भागलपुर जिले में गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. 


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भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा उफान पर है, इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ की टीम व नाविक को तैनात कर दिया है. साथ ही गंगा नदी ने बैरिकेडिंग को भी आगे बढ़ा दिया गया है. श्रावणी मेले से पूर्व लगाए गए बैरिकेडिंग पूरी तरह से गंगा के पानी में डूब चुका है. जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद गंगा नदी उफान पर है. 


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मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल बारिश से राहत मिलने की संभावना नहीं है, वहीं गंगा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी होगी. हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है. भागलपुर के सबौर, सराय, कहलगांव के निचले इलाके में गंगा का पानी पांच दिनों में प्रवेश कर जाएगा. इस वर्ष गंगा के जलस्तर में जिस तरह से बढ़ोतरी हो रही है ऐसे में इन निचले इलाकों में बाढ़ से इनकार नहीं किया जा सकता है. 


भागलपुर के कई निचले इलाके हैं जहां गंगा उफान पर आती है तो कई गांव जलमग्न हो जाते हैं. नाथनगर दियारा इलाके में गंगा का पानी प्रवेश करते ही वहां के लोग पलायन कर यूनिवर्सिटी परिसर में तम्बू लगा कर रहते हैं. सबौर के इंग्लिश गांव, पीरपैंती के रानी दियारा व नवगछिया के रंगरा में कटाव शुरू हो जाता है. वहीं कोसी नदी के जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी हो रही है जिससे कोसी किनारे बसे गांव के लोग सहमे हुए हैं.


(रिपोर्ट- अश्वनी कुमार)