भागलपुर में गंगा किनारे खनन, लोगों ने लगाया पुलिस और माफिया में मिलीभगत का आरोप
लोगों का आरोप है कि बिना पुलिस या प्रशासन की मिलीभगत से यह कार्य संभव नहीं है. माफिया सफेद बालू बेचकर काला धन जमा करने में लगे हुए हैं. गंगा घाट से हर माह लाखों रुपये की अवैध बालू का खनन किया जा रहा है.
भागलपुर (नवगछिया): गंगा किनारे सफेद बालू के खनन का खेल जोरों पर चल रहा है. तीनटंगा में दियारा में जहाज घाट के समीप माफिया धड़ल्ले से अवैध रूप से बालू का खनन कर रहे हैं. इससे घाट किनारे बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. इससे कटाव का खतरा उत्पन्न हो गया है. आश्चर्य यह कि हर दिन गोपालपुर थाने से महज एक किलोमीटर की दूरी पर अवैध बालू लदे करीब 100 से अधिक ट्रैक्टर गुजरते हैं. लेकिन पुलिस माफियाओं पर कार्रवाई की बात तो दूर, ट्रैक्टर चालकों से यह भी नहीं पूछती की किसके आदेश पर कहां से बालू ले जाया जा रहा है. इससे एक ओर जहां पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.
आरोपः पुलिस और अफसरों की मिलीभगत से हो रहा उत्खनन
इलाके के ग्रामीणों में रोष है. लोगों का आरोप है कि बिना पुलिस या प्रशासन की मिलीभगत से यह कार्य संभव नहीं है. माफिया सफेद बालू बेचकर काला धन जमा करने में लगे हुए हैं. गंगा घाट से हर माह लाखों रुपये की अवैध बालू का खनन किया जा रहा है. जिसमें किसान से लेकर भू माफिया सहित सभी का कमीशन सेट है. गंगा से महज कुछ ही दूरी पर बालू माफिया लगातार खनन कर रहे हैं.
कटाव रोकने को हर साल खर्च होते हैं करोड़ों
इस्माइलपुर से तीनटंगा तक हर साल गंगा के कटाव से बचाव के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है. मगर माफिया लगातार बालू का खनन कर गंगा से विनाश आने का न्योता दे रहे हैं. जल संसाधन विभाग की मानें तो गंगा से करीब 500 मीटर की दूरी पर खनन किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए टैंडर निकला जाता है और संबंधित ठेकेदार को लाइसेंस निर्गत किया जाता है. तीनटंगा और सैदपुर गांव के सड़क से सटे लोगों का कहना है कि खुलेआम ट्रैक्टर पर बालू ढोया जा रहा है. नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज ने कहा की सफेद बालू के अवैध खनन की जानकारी नहीं है. खनन विभाग और एसडीपीओ को इसकी जांच कर करवाई के आदेश दिया गया है. बालू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्टः जय कुमार