मुंगेर : Navratri Chandika Devi Sthan: देश के 52 शक्तिपीठों में मुंगेर का चंडिका स्थान भी शामिल है. नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. मुंगेर -खगड़िया एप्रोच पथ बंनने से खगड़िया और बेगूसराय जिला के श्रद्धालु नवरात्रि में भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. मान्‍यता है कि यहां देवी सती का नेत्र गिरा था. इसके बाद यहां मंदिर की स्थापना हुई थी. शक्तिपीठ में मां की बाईं आंख की पूजा की जाती है. मंदिर के पुजारी नंदन बाबा ने बताया कि कि यहां अंग प्रदेश के राजा कर्ण हर दिन सवा मन सोना दान करते थे. महाभारतकाल में इसका वर्णन भी है.


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सुबह तीन बजे शुरू हो जाती है पूजा
नवरात्र के दौरान सुबह तीन बजे से ही माता की पूजा शुरू हो जाती है, संध्या में विशेष पूजन होता है. नवरात्र अष्टमी के दिन यहां खास पूजा होती है, इस दिन माता का भव्य शृंगार किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले लोगों की सभी मनोकामना मां पूर्ण करती हैं. मुंगेर ही नहीं बल्‍क‍ि बिहार व भारत से यहां श्रद्धालु आते हैं. मां चंडिका देवी के भक्‍त विदेशों में भी हैं. दुर्गा पूजा के अवसर पर वे भी यहां आते हैं. चंडिका स्थान धार्मिक न्यास समिति के सचिव सौरव निधि के अनुसार मंदिर का स्वरूप बदल गया है. यहां के पुजारी और सेवादार ड्रेस कोड और परिचय पत्र के साथ रहेंगे. इससे श्रद्धालुओं को ढूंढने में परेशानी नहीं होगी.


नवरात्रि में बढ़ जाती है भीड़
पूजन के लिए राशि निर्धारित की गई है. नवरात्र के समय में यहां का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है. नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ अन्य दिनों की तुलना में पांच से छह गुना ज्यादा होता है.उन्होंने कहा की मुंगेर -खडगिया जिला का एप्रोच पथ जब से बना है  इस बार नवरात्रा में  गंगा पार खगडिया ,बेगूसराय जिला के श्रद्धालु  भारी संख्या में पहुंच रहे है. श्रद्धालुओं ने बताया की माँ शक्तिपीठ चंडिका स्थान का बहुत बड़ा महत्व है और कई सालो से माँ का पूजा अर्चना करते आ रहे है. माँ से जो भी मांगते है माँ पूरी करती है.