Patna AQI: पटना समेत कई जिलों की बिगड़ती हवा, हाजीपुर सबसे ज्यादा प्रभावित
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Patna AQI: पटना समेत कई जिलों की बिगड़ती हवा, हाजीपुर सबसे ज्यादा प्रभावित

Patna AQI: मौसम विभाग ने शहरवासियों से अपील की है कि वे प्रदूषण कम करने में अपना योगदान दें. लोग सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें, बेवजह गाड़ियां न चलाएं और अपने घरों में पेड़-पौधे लगाएं. बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में बाहर कम निकलने की सलाह दी गई है.

 

Patna AQI: पटना समेत कई जिलों की बिगड़ती हवा, हाजीपुर सबसे ज्यादा प्रभावित

Patna AQI: बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो चिंता का कारण बन गया है. आज पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 252 तक पहुंच गया, जो खराब श्रेणी में आता है. वहीं, हाजीपुर में AQI 335, मुंगेर में 258, सहरसा में 243, राजगीर में 240, बेतिया में 264, मुजफ्फरपुर में 208 और अररिया में 204 दर्ज किया गया. पटना के कई इलाकों में हवा और भी ज्यादा जहरीली हो गई है. खासकर ईको पार्क क्षेत्र में AQI 291 तक पहुंच गया है, जो गंभीर स्थिति का संकेत देता है.

प्रदूषण को कम करने के लिए प्रशासन लगातार सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रहा है, लेकिन इसका असर फिलहाल कम ही नजर आ रहा है. स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि पटना की हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो चुकी है. ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत, अस्थमा, खांसी और फेफड़ों से जुड़ी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. साथ ही प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर पर पटना वासियों की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. लोगों का कहना है कि प्रशासन को और सख्त कदम उठाने चाहिए. सड़कों पर वाहनों की संख्या को नियंत्रित करना, निर्माण स्थलों पर धूल रोकने के उपाय करना और पेड़ों की संख्या बढ़ाने जैसे उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए.

मौसम विभाग द्वारा शहरवासियों से भी अपील की जा रही है कि वे अपने स्तर पर प्रदूषण कम करने में योगदान दें. जैसे, सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें, अनावश्यक रूप से गाड़ियां न चलाएं और घरों में हरियाली बढ़ाने का प्रयास करें. बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर इस मौसम में बाहर कम निकलने की सलाह दी जा रही है. प्रदूषण का यह बढ़ता स्तर न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह पर्यावरण के संतुलन को भी बिगाड़ रहा है. ऐसे में प्रशासन और जनता को मिलकर इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि हवा की गुणवत्ता में सुधार हो और लोग स्वस्थ जीवन जी सकें.

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटना नगर निगम कर रहा प्रयास  
पटना में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटना नगर निगम लगातार प्रयास कर रहा है. शहर के अलग-अलग इलाकों में पानी का छिड़काव करने के लिए वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है. शहर को स्वच्छ बनाने और वायु प्रदूषण कम करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर स्वीपिंग मशीन, एंटी स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलर से सफाई और धुलाई की जा रही है. अशोक राजपथ, बोरिंग रोड, बेली रोड, बाड़ी पथ, पोलो रोड, अटल पथ, डाकबंगला चौराहा, मीठापुर और कंकड़बाग जैसी सड़कों पर प्रतिदिन सुबह और रात में छिड़काव किया जा रहा है. इसके लिए नगर निगम के पास 19 स्वीपिंग मशीन, 12 एंटी स्मॉग गन और 14 वाटर स्प्रिंकलर उपलब्ध हैं.

साथ ही एंटी स्मॉग गन वायु प्रदूषण कम करने में काफी कारगर है. इसमें 9000 लीटर पानी की क्षमता वाला टैंकर होता है. यह मशीन 180 डिग्री तक घूमकर पानी की फुहारों से वातावरण में उड़ती धूल को नियंत्रित करती है. यह मशीन खासतौर पर 10 माइक्रॉन से छोटे पानी की महीन बूंदें बनाकर उन्हें हवा में फैला देती है. इस प्रक्रिया से यह हवा में मौजूद छोटे धूल कणों को अवशोषित करती है, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है. पटना नगर निगम का यह प्रयास शहर की हवा को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है.

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