Bhagalpur Dolphins Life in Danger: बिहार के भागलपुर जिले में नगर निगम के अधिकारियों ने ही नियम कायदे को ताख पर रख एनजीटी के आदेश की धज्जियां उड़ाई है. दरअसल भागलपुर में गंगा नदी में ही घेरा लगाकर दर्जनों माता की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया है. 


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डॉल्फिन अभ्यारण्य क्षेत्र के डॉल्फिनों पर खतरा 
गंगा नदी में मूर्तियों का विसर्जन होने से उनके अवशेष तो किनारे पर रुक गए, लेकिन प्रतिमाओं में मौजूद केमिकल पानी में विलीन हो गया है. जिससे अब डॉल्फिन अभ्यारण्य क्षेत्र के डॉल्फिनों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है. केमिकल पानी में न जाये इसके लिए एनजीटी ने पहले ही कृत्रिम तालाब में मूर्तियों का विसर्जन हो इसका निर्देश दिया था.


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आर्टिफिशियल तालाब नाकाफी
बरारी मुसहरी घाट पर प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए स्मार्ट सिटी की ओर से कृत्रिम तालाब तो जरूर से बनाये गए थे, लेकिन वह आर्टिफिशियल तालाब माता की बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नाकाफी रहा. इस बार नगर निगम के जिम्मेदारों ने गंगा नदी में ही बांस और टिन शेड का घेरा लगा दिया और उसमें ही मुर्तियों का विसर्जन करवाया गया.


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गंगा घाट पर 7 से 8 दर्जन प्रतिमाओं का विसर्जन
प्रतिमाओं का केमिकल गंगा के पानी में समा गया. बता दें कि गंगा घाट पर 7 से 8 दर्जन प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ है, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की अवहेलना की गई. साल 2019 में यहां काली पूजा में प्रतिमाओं का विसर्जन गंगा में किये जाने पर 15 पूजा समितियों और 62 लोगों पर मामला दर्ज कराया गया था. अब नगर निगम पर किस तरह से सरकार कार्रवाई करती है, ये देखने वाली बात होगी. 


इनपुट - अश्विनी कुमार 


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