`भगवान ऐसा पति सबको दे`, बीमार पत्नी की सांस बना हमसफर, कंधे से ढोता है ऑक्सीजन सिलेंडर
Bhagalpur News: इस आधुनिक दुनिया में पति पत्नी का अटूट रिश्ता भी खूब टूट रहा है, आज के समय में बहुत कम ही ऐसे पति हैं जो पत्नी के बुरे वक्त पर उसका साथ निभाते हैं या बहुत कम ही ऐसी पत्नी भी देखने को मिलती है जो पति के बुरे वक्त में उसके बीमारी में उसका साथ दे, लेकिन हम आपको भागलपुर के ऐसे शख्स के बारे में बताते हैं, जो सातों दिन 24 घंटे बीमार पत्नी की सेवा में लीन रहते हैं. पति हर दिन तीन बार कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर पत्नी के लिए ढोते हैं और पैर दबाते हैं. ये पति अपनी पत्नी का 4 साल से ऐसे ही सेवा कर रहे है. हम बात कर रहे हैं भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल के रसलपुर के रहने वाले विजय मंडल की उनकी पत्नी अनिता देवी 4 साल से बीमार है और विजय पूरी तरह से पत्नी के लिए समर्पित हो गया है. पूरे दिन पत्नी की सेवा में लगे रहते हैं.
कोरोना के समय पत्नी को हुआ था इंफेक्शन
कोरोना के दौरान विजय मंडल की पत्नी अनिता देवी को इंफेक्शन हो गया था, जिसके बाद उन्हें फेफड़े में प्रॉब्लम हुआ, विजय ने पत्नी को भागलपुर में एक से बढ़कर एक निजी डॉक्टर को दिखाया, जेएलएनएमसीएच से लेकर दिल्ली एम्स तक दिखाया. कहीं भी उनका इलाज नहीं हो सका, डॉक्टर ने विजय को हमेशा पत्नी को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखने की सलाह दी.
24 घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहती है पत्नी
विजय को एम्स से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध कराया गया, लेकिन वह एक साल चला उसके बाद दो कंसंट्रेटर खुद के पैसे से भी लिया. वह भी कुछ ही महीने में खराब हो गया. अनिता देवी को उनके घर में ही 24 घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है. इसके लिए विजय मंडल ने 3 ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदा है.
दिन में तीन पहर ऑक्सीजन सिलेंडर ढोते हैं विजय
विजय हर दिन तीन पहर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर रसलपुर से पैदल 3 किलोमीटर रेलवे स्टेशन जाते हैं. वहां से भागलपुर आते हैं, फिर रेलवे स्टेशन से बरारी ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट पहुंचते हैं या हुसैनाबाद स्थित प्लांट जाते है. वहां से सिलेंडर लेकर फिर उसी प्रक्रिया को पूरा करते घर पहुंचते है.
विजय दिन में तीन बार ढोते हैं सिलेंडर
विजय 24 घंटे में तीन दफा ये प्रक्रिया वह पिछले 3 साल से कर रहे हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर लाने के बाद वह पत्नी की सेवा करने लगते हैं. कभी पत्नी के सर को दबाते है तो कभी पैर दबाते हैं.
बच्चे चलाते हैं छोटा सा दुकान
बच्चे छोटा सा दुकान चलाकर दिहाड़ी खर्च उपलब्ध कर पाते हैं साथ ही पढ़ाई भी करते हैं. हर जगह से थक हारकर विजय मंडल ने अपनी पत्नी अनिता देवी को पिछले 4 साल से घर पर ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा है. सरकार से भी इलाज करवाने की गुहार लगा रहे हैं.
पत्नी के लंग्स में हुई थी दिक्कत
विजय मंडल ने बताया कि पत्नी के लंग्स में प्रॉब्लम हुआ था, इंफेक्शन था. हर जगह उपचार के लिए गए लेकिन इलाज नहीं हो सका. डॉक्टर ने कहा पत्नी को हमेशा ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ेगा. उसके बाद से घर को ही आईसीयू बना दिए हैं.
दिन में तीन बार ऑक्सीजन सिलिंडर लेने जाते हैं विजय
विजय दिन में तीन बार ऑक्सीजन सिलिंडर लेने जाते हैं और लेकर आते हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर ढोते-ढोते विजय के कंधे पर गांठ हो गया है. विजय ने बताया कि उन्होंने पत्नी से हमेशा साथ देने का वादा किया था और वो पत्नी के मुश्किल समय में साथ दे रहे हैं.
हमेसा ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहती है पत्नी
विजय मंडल ने कहा जब सावित्री अपने पति को यमराज से छुड़ा लाई थी, तो हम मर्द होकर पत्नी की सेवा क्यों नहीं कर सकते हैं. यमराज से क्यों नहीं लड़ सकते हैं. हम सेवा कर रहे हैं, पत्नी हमेसा ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहती है और एक मिनट भी ऑक्सीजन हटने पर तड़पने लगती है.
अनिता देवी के शब्द पति को सुकून देने वाले हैं
अनिता देवी ने जो कहा वह उनके पति विजय मंडल के लिए सब कष्ट दूर कर चेहरे पर शिकन हटा सुकून देने वाले शब्द हैं. अनिता देवी ने कहा मेरे बच्चे और पति सेवा करते हैं, भगवान ऐसा पति सबको दे वो हमेशा मेरी सेवा में लगे करते हैं. यह मेरे लिए भगवान ही हैं.
इलाज में खर्च हुए 10 लाख से ज्यादा
अनिता देवी बताती हैं बीमारी में 10 लाख से ज्यादा रुपये खर्च हुए है, वह पैसे बेटी की शादी के लिए रखे थे. कमरे में बेड पर रात दिन परिवार के साथ गुजरता है. पति मेरे लिए सब कुछ कर रहे, कष्ट सह रहे हैं.
हर कोई कर रहा विजय मंडल की सराहना
विजय मंडल की सराहना गांव के प्रतिनिधि से लेकर आम लोग भी करते हैं. उनके पत्नी समर्पण के लोग मुरीद हैं. मुखिया प्रतिनिधि बताते हैं कि अपनी पत्नी के लिए विजय सब कुछ करता है, हर तरह से सेवा करता है. हमें जब मालूम हुआ तो हमने उनका राशन कार्ड उसके बाद आयुष्मान कार्ड बनवाया, लेकिन सरकार के तरफ से मदद जो मिलना चाहिए था वह नहीं मिल सका है.
सरकार और जनप्रतिनिधियों से आस
निश्चय ही विजय मंडल जैसे पति बहुत कम ही देखने को मिलते हैं, पवित्र रिश्ते के सात वचन को निभाने के लिए विजय खुद को पत्नी के लिए समर्पित कर चुके हैं. एक मदद की आस सरकार और जनप्रतिनिधियों से लगाए हुए हैं कि उनकी पत्नी के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हो जाए, पत्नी का इलाज हो जाये, जिससे वह भी सुकून से जिंदगी जी सके. (इनपुट - अश्वनी कुमार)