नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए. अपने बेटों की शहादत की खबर सुनते ही शहीदों के परिवार में मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. बिहार के भागलपुर के रतन ठाकुर भी इस हमले में शहीद हो गए है. बेटे की शहादत की खबर मिलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर है.


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बेटे की शहादत की खबर से रतन ठाकुर के पिता की आंखें डबडबा गईं. उनका कहना है कि हमने भारत मां की सेवा में अपने एक बेटा खोया है. मैं अपने दूसरे बेटे को भी देश की रक्षा के लिए भेजूंगा. मैं मां भारती की चरणों में अपने दूसरे बेटे को समर्पित करने के लिए तैयार हूं, लेकिन इस नापाक हरकत के लिए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब मिलनी चाहिए.



वहीं, पुलवामा हमले में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के रहने वाले सीआरपीएफ जवान पंकज त्रिपाठी भी शहीद हुए हैं. बेटे की शहादत की खबर मिलते ही पूरे गांव का माहौल शोकाकुल हो गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. सांत्वना देने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. साथ ही वाराणसी के रमेश यादव भी इस आतंकी हमले में शहीद हुए हैं.




पुलवामा आतंकी महले में पंजाब के गुरुदासपुर निवासी सीआरपीएफ के जवान मनिंद्र सिंह के भी शहीद होने की खबर है. इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है.



गुरुवार को हुए इस हमले में केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 44 से ज्यादा जवान शहीद हो गए. कई अन्य घायल हुए हैं. जैश के एक आत्मघाती हमलावर ने पुलवामा जिले में सीआरपीएफ की एक बस में विस्फोटक लदे वाहन से टक्कर मार दिया. जिससे हुए विस्फोट में जवान शहीद हुए हैं.